ईरान ने की ऐतिहासिक परमाणु संधि से आंशिक रूप से अलग होने की घोषणा


iran will partly withdraw from nuclear deal

 

डोनल्ड ट्रंप के ईरान पर प्रतिबंध कड़े करने की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में ईरान ने परमाणु संधि से खुद को आंशिक रूप से अलग करने का एलान कर दिया है.

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि वे परमाणु संधि में किए गए अपने वादों से कुछ पीछे हटने जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वे इस संधि से पूरी तरह से हाथ नहीं खींचेंगे.

ईरान ने परमाणु प्रसार को लेकर अमेरिका और छह अन्य देशों के साथ साल 2015 में एक समझौता किया था. इस समझौते को मध्य पूर्व में शांति के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा था.

तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबमा ने इसे अपनी बड़ी कामयाबी के रूप में पेश किया था. लेकिन अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद आए ट्रंप ने इस समझौते को गलत बताया और इससे अपने हाथ खींच लिए. इसके बाद उनके प्रशासन ने ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लगा दिए.

रूहानी ने इस संधि के दूसरे हस्ताक्षरकर्ता देश ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन को अपने इस फैसले से अवगत करा दिया है.

रूहानी के मुताबिक ये संधि पूरे क्षेत्र और विश्व के हित में थी, लेकिन ईरान के दुश्मनों के हित में नहीं थी, इसलिए 2015 के बाद इस बारे में कुछ नहीं किया गया.

2015 में ‘ज्वाइंट कंप्रहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन’ नाम से हुई इस संधि का मकसद ईरान के ऊर्जा कार्यक्रम को सीमित करना था, ताकि उसे परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके. इसके बदले में ईरान पर लागू तमाम प्रतिबंध हटा लिए गए थे. इसे ईरान की अर्थव्यवस्था में नई संभावनाएं देखी जाने लगी थीं.


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