निजामुद्दीन मरकज़ से निकाले गए 441 लोगों में कोविड-19 के लक्षण: अरविंद केजरीवाल


25 people in nizamuddin tests positive for corona

 

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में पिछले दो दिनों के दौरान दिल्ली पुलिस को मिले 1830 व्यक्तियों में 281 विदेशी शामिल हैं. इन विदेशी नागरिकों में ब्रिटेन और फ्रांस के नागरिक भी हैं. इस मरकज मस्जिद में मार्च के मध्य में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था और यह देश में कोरोना वायरस प्रसार का एक प्रमुख स्रोत बन गया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि निजमुद्दीन में से जिन लोगों को निकाला गया है उनमें से बहुत सारे मामले पॉजिटिव सामने आ सकते हैं. उनमें से 441 लोगों में कोरोना के लक्षण थे. उनको अस्पताल में पहुंचाया गया है. कुल 1107 को क्वारन्टीन में भेज दिया गया है.

यहां मिले लोगों में से अधिकतर को विभिन्न पृथक केंद्रों और अस्पतालों के पृथक वार्ड में भेज दिया गया है. अधिकारियों के अनुसार 16 देशों के इन विदेशियों सहित कुल 1,830 लोग 24 मार्च को 21 दिवसीय लॉकडाउन लागू होने के बाद भी तब्लीगी जमात के मरकज में बने रहे. इन विदेशियों में इंडोनेशिया (72), श्रीलंका (34), म्यांमार (33), किर्गिस्तान (28), मलेशिया (20), नेपाल (9), बांग्लादेश (9), थाईलैंड (7), फिजी (4), इंग्लैंड (3), अफगानिस्तान, अल्जीरिया, जिबूती, सिंगापुर, फ्रांस और कुवैत का एक..एक नागरिक शामिल हैं.बाकी 1,549 लोगों में से तमिलनाडु (501), असम (216), उत्तर प्रदेश (156), महाराष्ट्र (109), मध्य प्रदेश (107), बिहार (86), पश्चिम बंगाल (73), तेलंगाना (55), झारखंड (46), कर्नाटक (45), उत्तराखंड (34), हरियाणा (22), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (21), राजस्थान (19), हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा से 15..15, पंजाब (9) और मेघालय (5) के निवासी शामिल हैं.

पिछले एक महीने के दौरान विदेशियों सहित कम से कम 8,000 लोगों ने परिसर का दौरा किया है और उनमें से ज्यादातर या तो अपने संबंधित स्थानों पर लौट गए हैं या वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों स्थित अन्य मरकजों में हैं.

इस तरह से इसका उन राज्यों में कुछ पॉजिटिव मामलों से संबंध है. उन छह इंडोनेशियाई लोगों के अलावा जिनकी हैदराबाद में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना के एक-एक व्यक्ति की इस संक्रमण के कारण मौत हो गई है. ये सभी इस तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे.

अधिकारियों ने कहा कि मरकज पदाधिकारियों ने लॉकडाउन की घोषणा के बाद 25 मार्च को 1,200 लोगों की मौजूदगी के बारे में पुलिस को सूचित किया. इनमें से कुछ लोगों को पुलिस ने दिल्ली से बाहर निकाल दिया.26 मार्च को, फिर से लगभग 2,000 लोग मरकज में एकत्रित हुए.मरकज पदाधिकारियों ने भले ही इन लोगों को शहर से बाहर भेजने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद मांगी, लेकिन तब तक सड़क, रेल और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद हो गया था.

पुलिस को जो 1,830 लोग मिले हैं उनमें से माना जाता है कि लगभग 200 लोगों में कोविड-19 के लक्षण दिखायी दिये हैं और उन्हें अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस तब्लीगी जमात में शामिल हुए 700 लोगों को पृथक कर दिया गया है, जबकि लगभग 335 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.


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