यूपी के सोनभद्र में तीन हजार टन सोने का रिजर्व : जीएसआई


gsi didn't find any three thousand ton gold resreve in Sonbhadra

  Wikimedia Commons

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खनिज संपदा से भरपूर सोनभद्र जिले में तीन हजार टन सोना होने की संभावना है. 20 साल की खोज के बाद भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने सोनभद्र में सोना होने का पता लगाया है.

माना जा रहा है कि इस इलाके में करीबन 3,000 टन सोना हो सकता है, जिसका मूल्य मौजूदा समय में 12 लाख करोड़ रुपये है. ये भारत के 618.2 टन के सोना रिजर्व से कहीं ज्यादा है.

उत्तर प्रदेश के भूविज्ञान और खनन विभाग ने इलाके की मैपिंग और जीओ टैगिंग के लिए जिले में एक टीम भेजी है जो शनिवार तक काम खत्म कर लेगी.

निदेशक भू तत्व व खनिज डॉ. रोशन जैकब द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सोनभद्र में सोने के दो बड़े भंडारों का पता चला है. सोना पहाड़ी ब्लॉक में करीबन 2,943 टन और हार्दी ब्लॉक में 646 किलो सोना रिजर्व होने की संभावना है.

अगर जीएसआई का ये अनुमान सही रहा तो भारत के पास अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा सोने का भंडार हो जाएगा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्लूजीसी) के आंकडों के मुताबिक अमेरिका के पास 8,133.5 टन सोना रिजर्व है. इसके बाद नंबर आता है जर्मनी का, जिनके पास 3,366 टन सोना रिजर्व है. वहीं आईएमएफ (2814 टन), इटली (2451.8 टन) और फ्रांस (2,436 टन) टॉप 5 में शामिल हैं.

मैपिंग टीम में शामिल और सोनभद्र जिले के खनन अधिकारी केके राय ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ‘मैपिंग का काम पूरा होने के बाद हम प्रबंध-विभाग को आगे के कार्य के लिए रिपोर्ट सैंपेंगे जैसे कि गोल्ड ब्लॉक का खनन कार्य करने के लिए नीलामी आदि.’

सोने के रिजर्व के साथ ही जीएसआई की टीम ने अन्य धातु और खनिजों के अयस्क होने की भी संभावना जताई है.

सोनभद्र जिले की सीमाएं चार राज्यों- छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और मध्य प्रदेश से लगती हैं. इस जिले का राज्य के बिजली उत्पादन में अहम योगदान है, यहां बिजली के सात संयंत्र हैं. हालांकि इन तमाम बातों के बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ये इलाका राज्य से सबसे पिछड़े 33 जिलों की सूची में शामिल है. इसे पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष कार्यक्रम (बीआरजीएफ) के तहत फंड भी दिए जाते हैं. यहां राज्य की सबसे अधिक आदिवासी जनसंख्या रहती है.


Big News