ईपीएफओ ने वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दर घटाकर 8.5 फीसदी किया


Opposition encircles government on Labor Minister's statement of 'lack of qualified youth'

 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर को घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने यह जानकारी दी.

ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी निदेशक मंडल (सीबीटी) ने अपने छह करोड़ उपयोक्ताओं के लिए यह फैसला किया है. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.65 फीसदी थी. सीबीटी ईपीएफओ से जुड़े फैसले लेने वाला शीर्ष निकाय है.

अब श्रम मंत्रालय को इस फैसले पर वित्त मंत्रालय से सहमति लेनी होगी, क्योंकि भारत सरकार भविष्य निधि के लिए गारंटी प्रदान करती है. इसलिए वित्त मंत्रालय इस पर दिए जाने वाले ब्याज के प्रस्ताव पर निर्णय करेगा.

वित्त मंत्रालय बहुत समय से श्रम मंत्रालय से भविष्य निधि पर ब्याज को लोक भविष्य निधि, डाक घर की बचत योजनाओं जैसी अन्य लघु बचत योजनाओं के समान करने के लिए कह रहा है.

ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि पर 8.65 फीसदी और  वर्ष 2017-18 में 8.55 फीसदी का ब्याज दिया था. जबकि 2015-16 में यह 8.8 फीसदी वार्षिक था.

इससे पहले वर्ष 2013-14 और वर्ष 2014-15 में भविष्य निधि पर 8.75 और 2012-13 में 8.5 फीसदी ब्याज दिया गया.


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