निर्भया मामला: फांसी की सजा रद्द करने की याचिका पर दिल्ली HC ने फैसला सुरक्षित रखा


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निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में एक दोषी मुकेश कुमार सिंह द्वारा फांसी की सजा निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. दोषी मुकेश कुमार सिंह ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दाखिल करते हुए दावा किया था कि घटना के दिन वह शहर में नहीं था. अदालत द्वारा याचिका खारिज किए जाने के फैसले को दोषी मुकेश कुमार सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

मुकेश कुमार सिंह के वकील की बात सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस बृजेश सेठी ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले 17 मार्च को दिल्ली की एक अदालत ने कोर्ट का समय जाया करने के लिए मुकेश कुमार सिंह को फटकार लगाई और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को मुकेश कुमार सिंह के वकील को कोर्ट के समय को लेकर संवेदनशील बनाने की ट्रेनिंग देने के लिए कहा.

सुनवाई के दौरान मुकेश कुमार सिंह के वकील एमएल शर्मा ने कहा कि मुकेश को राजस्थान के करोली से गिरफ्तार किया था और दिल्ली में अपराध को अंजाम देना उसके लिए असंभव था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि अपनी गिरफ्तारी को लेकर दोषी की याचिका पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहले ही विचार कर चुके हैं, इसलिए कानूनी रुप से यह जायज नहीं है कि याचिका पर फिर से विचार किया जाए.

निर्भया मामले के चार दोषियों मुकेश कुमार सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच फांसी दी जानी है. यह उनके खिलाफ चौथा डेथ वारंट है. पिछले तीन डेथ वारंट दोषियों द्वारा कानूनी विकल्पों के प्रयोग के कारण निरस्त किए जा चुके हैं.


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