ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी के लिए ओला और उबर जैसी कार सेवाएं जिम्मेदार नहीं: मारुति
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति ने वित्त मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर के बिक्री में भारी गिरावट होने का कारण युवा आबादी में ओला या ऊबर जैसी कार सेवाओं का इस्तेमाल का बढ़ना कोई ठोस कारण नहीं है.
मारुति ने कहा है कि आर्थिक मंदी के संबंध में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए एक वस्तृत अध्ययन करने की जरूरत है.
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के विपणन और बिक्री विभाग के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में कार खरीदने को लेकर धारणा में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है. यह समझने की जरूरत है कि लोग अपनी आकांक्षा के तहत कार खरीदते हैं.
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 10 सितंबर को कहा था कि ज्यादातर लोगों की सोच में बदलाव आया है. वे अब मासिक किस्तों पर कार खरीदने के बजाय ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवाओं का लाभ लेना पसंद करते हैं. और यह ऑटोमोबाइल क्षेत्र में आई मंदी के कई कारणों में से एक है.
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श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मौजूदा मंदी के पीछे ओला और उबर जैसी सेवाओं का होना कोई बड़ा कारण नहीं है. मुझे लगता है कि इस तरह के निष्कर्षो पर पहुंचने से पहले हमें और गौर करना होगा और अध्ययन करना होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओला और उबर जैसी सेवायें पिछले 6-7 वर्षो में सामने आई हैं. इसी अवधि में ऑटो उद्योग ने कुछ बेहतरीन अनुभव भी हासिल किये हैं. इसलिए केवल पिछले कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ कि मंदी गंभीर होती चली गई? मुझे नहीं लगता कि ऐसा केवल ओला और उबर की वजह से हुआ है.’’
उन्होंने कहा कि मंदी से निपटने के लिए पिछले माह घोषित किये गये सरकार के उपाय पर्याप्त नहीं हैं और ये उपाय उद्योग के दीर्घावधिक स्वास्थ्य के लिए मददगार हो सकते हैं क्योंकि ये बुनियादी तौर पर ग्राहकों की धारणाओं पर ध्यान देते हैं.
सोसायटी आफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (एसआईएएम) के अनुसार अगस्त महीने में घरेलू वाहनों की बिक्री 23.55 प्रतिशत घटकर 18,21,490 इकाई रह गई जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 23,82,436 इकाई हुई थी.