विपक्ष ने की प्रधानमंत्री के वीडियो संदेश की आलोचना, कहा- वास्तविकता देखें


opposition slams PM appeal for lighting candles on April 5

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो संदेश पर निशाना साधते हुए विपक्ष और आलोचकों ने कहा कि पीएम ने आज संदेश में कोरोना वायरस को लेकर देश की मौजूदा स्थित पर कोई बयान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि ‘ये संदेश केवल प्रतिकात्मक है’ और ‘क्या सरकार के पास भविष्य को लेकर कोई ठोस उपाय है या नहीं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार सुबह 9 बजे देशवासियों से वीडियो संदेश में रविवार को रात नौ बजे 9 मिनट तक घर की लाइट बंद कर दीप जलाने की अपील की. अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के बाद लॉकडाउन के आज नौ दिन पूरे हुए हैं. इस दौरान आप सभी ने अनुशासन और सेवा भाव का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री के संदेश की आलोचन में ट्वीट कर कहा, ‘हम आपकी बात सुनेंगे और पांच अप्रैल को दीया जलाएंगे. लेकिन इसके बदले में आप भी अर्थशास्त्रियों की बात सुनें. हमें उम्मीद थी कि आप आज गरीबों के लिए एक पैकेज का ऐलान करते, जिन्हें निर्मला सीतारमण अपने भाषण में भूल गई थीं.’

पी चिदंबरम के अलावा कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि ‘आज फिर प्रधान शोमैन को सुना. लोगों के दुख, आर्थिक चोट के बारे में कुछ नहीं कहा गया. भविष्य को लेकर क्या प्लान है और लॉकडाउन के बाद क्या होगा, इसपर कुछ नहीं कहा गया. सिर्फ एक फीलगुड मोमेंट तैयार किया गया.’

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी इसपर सवाल खड़े किए और अपने ट्वीट में लिखा, ‘इन मसलों पर सरकार के कदम सुनने को नहीं मिले, वायरस को रोकना-टेस्टिंग किट्स-गरीबों को खाना पहुंचा-मजदूरों को आर्थिक मदद करना’. दीया किसी मकसद से जलाएं, अंधविश्वास के लिए नहीं.’

दूसरी ओर सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बत्तियां बुझाने और बॉलकनी में आनां? मिस्टर मोदी वास्तविकता देखें. भारत की अर्थव्यवस्था को फिस्कल पैकेज दीजिए.’


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