राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, नेताओं ने उठाए सवाल


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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. गृह मंत्रालय ने सोमवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड तीन के तहत प्रदत्त अपने अधिकारों का प्रयोग कर गोगोई को मनोनीत किया है.

गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस रहे. उन्होंने देश के चीफ जस्टिस का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला.

जस्टिस रंजन गोगोई ने कई अहम मामलों की सुनवाई की और फैसले सुनाए. उन्हें अयोध्या मामले, चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर और सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे मामलों पर फैसले देने के लिए हमेशा याद किया जाता है.

गोगोई को राज्यसभा भेजे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस नेता शशि थरूर, बीजेपी के पूर्व नेता यसवंत सिन्हा सरीखे नेताओं ने सवाल उठाए हैं.

रणदीप सुरजेवाला ने गोगोई का नाम लिए बगैर ट्वीट किया है, ‘नमो संदेश -: या तो राज्यपाल, चेयरमैन और राज्यसभा. वरना तबादले झेलो या इस्तीफ़े देकर घर जाओ.’

शशि थरूर ने ट्वीट किया है, ‘जजों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोई पद दिए जाने पर पूर्व कनून मंत्री अरुण जेटली और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के पुराने बयान पर गौर किया जा जाना चाहिए.’


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