लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन, पर सरकार के पास कोरोना से निपटने का रोडमैप क्या है: कांग्रेस


Sonia Gandhi has been elected as Chairperson of Congress Parliamentary Party

 

कांग्रेस ने देश में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का मंगलवार को समर्थन किया और साथ ही नए वित्तीय पैकेज की घोषणा नहीं होने को लेकर सरकार को घेरते हुए यह सवाल किया कि आखिर कोरोना संकट से निपटने के लिए उसके पास क्या रोडमैप है? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सरकार को सिर्फ जनता को उसकी जिम्मेदारी का अहसास नहीं कराना चाहिए, बल्कि अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन भी करना चाहिए.

सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ” मोदी जी, देश ने 21 दिन का लॉकडाउन माना. देश 20 दिन का लॉकडाउन भी मानेगा. पर नेतृत्व के मायने केवल देशवासियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाना नहीं बल्कि सरकार और शासक की जनता के प्रति जबाबदेही व जिम्मेदारी का निर्वहन है.” उन्होंने सवाल किया, ” बातें बहुत हुईं पर कोरोना से लड़ने का रोडमैप क्या है? ” प्रधानमंत्री की सात कदमों से जुड़ी अपील का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ”कोरोना की रोकथाम का एक मात्र रास्ता है-जांच. जांच कई गुना बढ़ाने की क्या योजना है?” सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ अग्रिम पंक्ति के योद्धा डॉक्टर-नर्स-स्वास्थ्यकर्मी-पुलिसकर्मी-सफ़ाईकर्मी हैं.

इनके लिए अब तक एन-95 मास्क और पीपीई की ज़बरदस्त कमी है. इस मसले पर आपकी चुप्पी क्यों? यह सुरक्षा कवच कब उपलब्ध होगा? उन्होंने यह सवाल भी किया, ” पलायन कर चुके करोड़ों मज़दूर आज रोज़गार-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं. इस संवेदनशील व मानवीय मसले पर आपका ऐक्शन प्लान क्या है?” किसानों के सामने खड़ी समस्याओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने पूछा, ”लाखों एकड़ गेहूं-रबी की फसलें कटाई के लिए तैयार हैं, लेकिन इंतज़ाम क्यों नही? समय पर कटाई और एमएसपी पर फसल ख़रीद सुनिश्चित करने को लेकर आप चुप क्यों हैं? देश का अन्नदाता और खेती आपकी प्राथमिकता सूची से बाहर क्यों है?” उन्होंने कहा, ” कोरोना से पहले ही देश का युवा अभूतपूर्व बेरोज़गारी से जूझ रहा था.

अब बेरोज़गारी-छंटनी-नौकरियां जाने की दर विकराल रूप ले रही है, सरकार की ‘कोविड-19 एकनॉमिक रिकवरी टास्क फ़ोर्स’ कहाँ ग़ायब है? करोड़ों युवा कहां जाएं?’ सुरजेवाला के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़- दुकानदार, लघु और मध्यम उद्योग- आज चौपट होने की कगार पर हैं. खेती के बाद सबसे अधिक रोज़गार इन्ही क्षेत्रों में है. उन्होंने सवाल किया कि इन्हें वापस पटरी पर लाने व आर्थिक मदद के बारे में आपकी क्या कार्य योजना है? कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ”प्रधानमंत्री ने बताया कि लोग क्या करें , लेकिन यह नहीं बताया कि देशवासियों के लिए सरकार क्या कर रही है?’ उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते थे कि प्रधानमंत्री बताएंगे की जांच की रफ्तार बढ़ाने के लिए क्या कर रहे हैं? स्वास्थ्यकर्मियों को निजी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के संदर्भ में कोई जनकारी नहीं दी. फसलों की कटाई और उपज की खरीद की व्यवस्था को लेकर कुछ नहीं बताया.

कामगारों और मनरेगा मजदूरों को राहत देने के किये कुछ नहीं बताया.” पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ”हम लॉकडाउन बढ़ाने की मजबूरी समझते हैं. हम इस निर्णय का समर्थन करते हैं.” उन्होंने आरोप लगाया, ” लेकिन गरीबों को 40 दिनों (21+19) के लिए बेसहारा छोड़ दिया गया है. पैसा है, खाद्य सामग्री है, लेकिन सरकार इन्हें जारी नहीं कर रही.” प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि इस महामारी को परास्त करने के लिये यह जरूरी है .

उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि राज्यों एवं विशेषज्ञों से चर्चा और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाने का फैसला किया गया है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू 21 दिन के लॉकडाउन का वर्तमान चरण आज (14अप्रैल) समाप्त हो रहा है .


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