मन की बात में पीएम ने कहा- लॉकडाउन के कड़े कदम के लिए माफी, लेकिन जरूरी था


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को अपनी मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात में संबोधित करते हुए 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद के फैसले के लिए माफी मांगी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोरोना वायरस के खिलाफ ये एक अभूतपूर्व लड़ाई है इसलिए हमें अभूतपूर्व और कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं. सोशल डिस्टैंसिंग कोरोना से लड़ाई का पहला कदम है, पर इसका ये अर्थ नहीं सामाजित बातचीत कम कर दें.’

आज प्रोग्राम के 63वें भाग में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये अमीर-करीब, विज्ञान-ज्ञान, ताकतवर-कमजोर हम सभी के लिए चुनौती है. ये किसी एक देश, सीमा या मौसम तक सीमित नहीं है. ये वायरस बस इंसानों को मारने पर आमादा है. इसलिए हम सभी को साथ मिलकर इससे लड़ने की जरूरत है.’

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘कई योद्धा ऐसे हैं जो अपने घरों के अंगर नहीं बल्कि अपने घरों के बाहर कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. ये हमारी अग्रिम पंक्ति के सैनिक-विशेषकर हमारे भाई-बहन नर्स, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के रूप में ड्यूटी पर हैं.’

डॉक्टरों के योगदान का प्रोत्साहन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आचार्य चरक ने कहा था कि जो मरीजों की बिना किसी भौतिक लाभ के सेवा करता है वहीं अच्छा डॉक्टर होता है. मैं सभी नर्सों को आज सलाम करता हूं, आप सभी बेजोड़ समर्पण के काम कर रहे हैं.’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं समझता हूं कि कोई भी जान-बूझकर नियमों को तोड़ना नहीं चाहता है, लेकिन कुछ लोग हैं जो ऐसा कर रहे हैं. उनके लिए, मैं कहूंगा कि यदि वे इसके उलटफेर इसका पालन नहीं करते हैं, तो खुद को कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.

वहीं कोरोना वायरस से ठीक हुए श्री अशोक कपूर की पीएम मोदी के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में कहा कि मैं आगरा में अधिकारियों और कर्मचारियों का बहुत आभारी हूं. मैं दिल्ली में अस्पताल अधिकारियों के लिए समान रूप से आभारी हूं. डॉक्टर मुस्तैद थे. हमारे इलाज के दौरान हमारे पास अच्छे कमरे थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही कहा कि मैं एक बार और आपको बता दूं, मैंने आपको बाहर निकलने के लिए मना किया है  लेकिन, आपको अपने भीतर झांकने के लिए अवसर भी दिया है. ये मौका है, बाहर मत निकलो, लेकिन, अपने अन्दर प्रवेश करो, अपने आप को जानने का प्रयास करो.

प्रधानमंत्री ने उन लोगों की सराहना की जो कई लक्षण नहीं होने के बावजूद क्वारंटाइन में चले गए हैं. मैं उनकी जिम्मेदारी की भावना के लिए उनकी सराहना करता हूं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपने देखा होगा कि सरकार ने बैंकिंग सेवाओं को खुला रखा है और बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाले लोग आपकी सेवा में हैं- पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ- इस लड़ाई में हमारा नेतृत्व करते हैं.

24 मार्च मंगलवार को प्रधानमंत्री ने 21 दिन लंबे लॉकडाउन का एलान किया था. हालांकि परिवहन के आभाव में लाखों की संख्या में सैकड़ों किमी दूर अपने घरों की ओर निकले प्रवासी मजदूरों की तस्वीरें सरकार की तैयारियों पर बड़े सवाल खड़े कर रही हैं.


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