रमज़ान मनाने को लेकर डब्ल्यूएचओ ने दी सलाह, नमाज़ करने के बताए तरीके


coronavirus could cause heavy job loses into tourism sector

 

कोरोना वायरस संक्रमण के दुनिया भर में बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को रमजान के महीने के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. संगठन ने कहा कि महामारी को लेकर स्थिति नियंत्रण में रहे इसके लिए जरूरी है कि सभी धार्मिक आयोजनों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो.

जरूरी है सभी सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया जाए. वहीं अगर इस तरह का आयोजन किया जा रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग का मानकों के अनुरूप पालन हो. समूह में नमाज अदा करने के लिए टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है.

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि धार्मिक संगठनों और गुरुओं को इस पहल में शामिल होकर लोगों तक बड़ी संख्या में संदेश पहुंचाना चाहिए.

संस्था ने कहा है कि अगर ये खुले में नहीं हो सकता तो जिस परिसर में ये हो रहा है वो काफ़ी हवादार या खुला होना चाहिए. आयोजन को जितने कम समय में निपटाया जा सके उतना बेहतर होगा. काफ़ी लोगों के साथ बड़े आयोजन की जगह छोटे-छोटे समूहों में कम लोगों के साथ आयोजन की सलाह दी गई है. साथ ही उम्रदराज लोगों को किसी भी तरह के आयोजन से दूर रहने की सलाह दी गई है.

मस्जिदों में अधिकतर लोगों के संपर्क में आने वाली जगहों जैसे गेट के हैंडल, सीढ़ी की रैलिंग आदि को लगातार साफ करते रहने के लिए कहा गया है.

सदका और जख़ा देने के दौरान से लेकर इफ़्तार के दौरान तक दूरी बनाए रखने को कहा गया है और ये भी कहा गया है कि सबसे बेहतर ये होगा कि इफ़्तार के लिए पहले से पैक किया हुआ खाना लेकर आएं. पैक खाने को उपलब्ध कराने का ज़िम्मा किसी संस्था को दिए जाने की भी सलाह है जो सफ़ाई और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे.

संगठन ने कहा कि यदि कोई कोविड 19 पॉजिटिव व्यक्ति रोजे रख रहा है तो उसे डॉक्टर से खाने-पीने की सलाह लेने चाहिए.
लॉकडाउन की वजह से महिला, बच्चों और असहाय लोगों के साथ हिंसा बढ़ने की जानकारी सामने आई है. डब्ल्यूएचओ ने धार्मिक अगुआयों से कहा है कि वो इसके ख़िलाफ़ बोलें, जागरुकता फ़ैलाएं और जो इसका शिकार हो रहे हैं उन्हें आगे आकर न्याय मंगने को प्रेरित करें.


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