लॉकडाउन के बीच पुलिस ने हटाया शाहीन बाग प्रदर्शन
दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले तीन महीने से सीएए और एनआरसी के खिलाफ जारी प्रदर्शन को मंगलवार सुबह लॉकडाउन के चलते हटा दिया गया. महिलाओं द्वारा शुरू किया गया ये धरना प्रदर्शन बीते 100 दिनों से जारी था. इनकी मांग थी कि सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले.
दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा, ‘हमने प्रदर्शनकारियों से आज सुबह कहा कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगाया गया है इसलिए जगह खाली कर दें. उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी. पुलिस ने उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार कर लिया और जगह को खाली करा दिया.’
एक अधिकारी ने बताया कि छह महिलाओं समेत कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली में धारा 144 रविवार रात से चालू हो गया जो 31 मार्च तक अगले आदेश तक के लिए जारी रहेगा. पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी. सोमवार को लॉकडाउन का पहला दिन था.
पहले दिन से प्रदर्शन की जगह पर मौजूद वालंटियर ने कहा, ‘मंगलवार सुबह शाहीन बाग प्रदर्शन की जगह पर केवल 8-10 औरतें थीं. सुबह 7 बजे पुलिस ने उन्हें हटा दिया. इसके लिए वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.’ वालंटियर ने दावा किया कि पुलिस ने उनका स्टेज तोड़ दिया, पोस्टर्स हटा दिए, इंडिया के बड़े से नक्शे को तोड़ दिया.
शाहीन बाग वालंटियर ने दावा किया कि वायरस के चलते जगह पर कई एतियाती कदम उठाए गए थे.
15 दिसंबर को शुरू हुए शाहीन बाग आंदोलन में 300 महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी दिखाई. इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन जताया. यहां से प्रेरणा लेकर कई और जगहों पर भी प्रदर्शन शुरू हुए. इसमें कई उम्रदराज महिलाओं ने भी हिस्सा लिया.