तीन तलाक बिल : हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 2 जनवरी तक स्थगित


triple talaq bill tabled in rajya sabha

 

राज्यसभा में तीन तलाक बिल आज पेश नहीं किया जा सका. हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

राज्यसभा में बिल पेश होने से पहले ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईडीएमके) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने बिल का विरोध करने की बात कही है. एआईडीएमके के नेता और लोकसभा में उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई ने कहा, ‘‘हम तीन तलाक विधेयक का विरोध करते हैं.’’

डीएमके नेता और राज्यसभा सदस्य कनिमोझी ने कहा, तीन तलाक को ‘‘अपराध बनाए जाने’’ के विरोध में उनकी पार्टी का रूख अडिग है. विपक्षी दल इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने के प्रयास में हैं.

सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस ने व्हिप जारी करके विधेयक पेश होने के दौरान अपने-अपने सदस्यों को ऊपरी सदन में उपस्थित रहने को कहा है. दूसरे दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को कहा है.

इससे पहले कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई थी. कई विपक्षी दलों के नेता भी कांग्रेस के साथ मुलाकात करके इस मुद्दे पर अपनी रणनीति बनाएंगे.

विवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है. विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है.

सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की संभावना नहीं है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं.

विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे. विधेयक को बीते बृहस्पतिवार लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है. वहां विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे.

प्रसाद ने शुक्रवार को दावा किया था कि भले ही राज्यसभा में भाजपा नीत राजग के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं हो लेकिन सदन में इस विधेयक को समर्थन मिलेगा.

राज्यसभा में संख्याबल विपक्ष के समर्थन में है जहां संप्रग के पास 112 जबकि राजग के पास 93 सदस्य हैं. एक सीट खाली है जबकि बाकी के अन्य दलों के 39 सदस्य न तो राजग और ना ही संप्रग से जुड़े हैं और वे विवादित विधेयक के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.


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