कांगो में इबोला वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित


ebola outbreak in congo is declared a global health emergency

 

कांगो में इबोला के प्रकोप ने वैश्विक स्वास्थ्य आपदा का रूप ले लिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसकी घोषणा की. इस हफ्ते यह वायरस (Virus) 20 लाख आबादी वाले एक शहर गोमा में पहुंच चुका है.

डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ समिति इससे पहले तीन मौकों पर संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी को इस प्रकोप के संबंध में घोषणा करने की सलाह देने से इनकार कर चुकी थी. हालांकि, अन्य विशेषज्ञों का कहना है था कि इसमें आपदा घोषित करने के लिए सभी जरूरी बातें मौजूद हैं.

इतिहास में पहली बार इबोला ने अगस्त में दूसरी बार इतना घातक रूप दिखाया था, जिसमें 1,600 लोगों की जान चली गई थी. यह ऐसे क्षेत्र की तरफ बढ़ रहा है जिसे युद्ध ग्रस्त क्षेत्र माना जाता है. वैश्विक स्वास्थ्य आपदा की घोषणा से अक्सर अंतरराष्ट्रीय मदद एवं ध्यान खींचा जाता है साथ ही ये चिंताएं भी होती हैं कि प्रभावित सरकारें सीमाओं को बंद न कर दें.

गोमा में विषाणु की पुष्टि होने के बाद बुधवार को यह घोषणा की गई. गोमा रवांडा सीमा पर पूर्वोत्तर कांगो का महत्वपूर्ण शहर है जो एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से लगता है.

बीमारी फैलने को लेकर चिंताएं तब और बढ़ गई जब कांगो का एक बीमार मछली व्यापारी युगांडा गया था. और इन लक्षणों के साथ वापस आया तथा बाद में इबोला के चलते उसकी मौत हो गई थी.

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एदहानोम घेब्रेयीसस ने जिनेवा में घोषणा के बाद कहा कि क्षेत्र में इसके फैलने का खतरा बहुत ज्यादा है, लेकिन, क्षेत्र के बाहर आशंका कम है.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपदा को, “उन लोगों को दंडित करने या कलंकित करने के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिन्हें हमारी मदद की बहुत ज्यादा जरूरत है.”

टेड्रोस ने कहा कि घोषणा ज्यादा राशि जुटाने के लिए नहीं की गई है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि इस माहमारी को रोकने के लिए “करोड़ों’’ डॉलर की जरूरत पड़ेगी.


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