कोर्ट की बात मौखिक, इस पर कयास न लगाएं: मायावती


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बसपा सुप्रीमों मायावती ने मीडिया से अपील की है कि कोर्ट की बात को बतंगड़ ना बनाए. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो कुछ भी कहा है वो सिर्फ मौखिक रूप से है.

उन्होंने ये बात एक ट्वीट के जरिए कही है. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में उन्हें न्याय जरूर मिलेगा. मायावती ने मीडिया और बीजेपी नेताओं से कयास नहीं लगाने की सलाह दी है.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट में कहा कि पिछड़े व दलित वर्ग में जन्में और सदियों से तिरस्कृत महान पुरुषों को सम्मान देने के लिए इन पार्कों और मूर्तियों का निर्माण किया गया है. उन्होंने इनके पर्यटन महत्व की ओर भी ध्यान दिलाया.

इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एक अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान मायावती के कार्यकाल में बनी मूर्तियों पर टिप्पणी की थी.

कोर्ट ने कहा था कि इन मूर्तियों में जनता का धन लगा है जिसे मायावती को वापस करना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस मामले की विस्तृत सुनवाई में वक्त लगेगा. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है.

अभी हाल ही में बसपा प्रमुख के ट्विटर पर मौजूद होने की आधिकारिक घोषणा की गई थी. इस सोशल मीडिया वेबसाइट पर आने के बाद से ही मायावती काफी सक्रिय हैं.


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