दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता ‘आपात’ श्रेणी में पहुंची


NGT suggests stipend for labourers during construction bans in pollution-hit Delhi

 

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले कुछ दिनों पहले लोगों को प्रदूषण से राहत मिली थी. लेकिन एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली के कारण 12 नवंबर को दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई.

वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली’ ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ‘बेहद गंभीर’ या ‘आपातकालीन’ श्रेणी में पहुंचने का अनुमान लगाया है.

सुबह लोगों को सड़कों पर कोहरे का सामना करना पड़ा. ये तस्वीरें वसंत विहार के आसपास की हैं.

वहीं, गाजियाबाद में प्रदूषण का कहर दिखा. इंदिरापुरम में वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) 465  है. लोनी में एक्यूआई 475, संजय नगर में 469 और वसुंधरा में 479 है.

नोएडा में वायु गुणवत्ता बिगड़ने से हालात खराब हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक सेक्टर 62 में 466 पर है. सेक्टर एक में एक्यूआई 481 और सेक्टर 116 में 473 पहुंच गया है. सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, ”पूर्वानुमान के मुताबिक हवा की गुणवत्ता 14 नवंबर तक बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है.”

मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’ माना जाता है.

प्रदूषण में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली सरकार ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मद्देनजर अपनी ऑड ईवन योजना के तहत प्रतिबंध को हटा दिया था.


ताज़ा ख़बरें