देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन  


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भारत की पहली महिला पुलिस निदेशक कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन हो गया है. उन्होंने सोमवार 26 अगस्त को मुंबई में आखिरी सांस ली. वह बिमारी से जूझ रही थीं.

भट्टाचार्य वर्ष 1973 बैच की अधिकारी थीं. उन्होंने 2004 में उत्तराखंड की डीजीपी नियुक्त होकर इतिहास रचा था. वह इस पद को हासिल करने वाली देश की पहली महिला बनी थीं.

भट्टाचार्य किरण बेदी के बाद देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी भी थीं.

उन्होंने 31 अक्टूबर, 2007 को अपने कर्तव्यों को त्याग दिया था. उन्हें उत्तराखंड पुलिस ने उनकी विदाई परेड में एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया था.

पंजाब के अमृतसर की रहने वाली भट्टाचार्य ने पुलिस अधिकारी बनने का निश्चय किया था. एक राज्य की पहली महिला डीजीपी के रूप में कंचन ने महिलाओं के खिलाफ पूर्वाग्रह से लड़ने की कोशिश की थी.

उनकी इस पहल के कारण महिला होमगार्डों को शहरों में ट्रैफिक प्वाइंट की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई थी.

डीजीपी के रूप में उनकी उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, “मुझे लगता है कि मैंने पुलिस को जनता और जनता को पुलिस को देखने के तरीके को प्रभावित किया है. मैं हमेशा कमजोरों के साथ खड़ा रही.”
इसके अलावा उनकी संघर्ष को उनकी छोटी बहन कविता चौधरी ने छोटे परदे पर अमर कर दिया था. उन्होंने धारावाहिक ‘उदयन’ बनाया. भट्टाचार्य ने उस धारावाहिक में अपनी उपस्थिति दर्ज की थी.

अपनी सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 2014 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के टिकट पर हरिद्वार निर्वाचन क्षेत्र से निर्विरोध रूप से चुनाव लड़ा था.

आईपीएस एसोसिएशन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. एसोसिएशन ने कहा है कि “हम अपने एक प्रतीक के निधन पर शोक जताते हैं.”

उन्होंने कहा, “भारत की पहली महिला डीजीपी और दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य एक अधिकारी के तौर पर गुणी थीं. उसका कैरियर शानदार था, जो कई प्रथम पुरस्कारों से सुशोभित था.”


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