मुख्यमंत्रियों ने प्रदूषण पर केंद्र सरकार से तुरंत बैठक बुलाने की मांग की


three chief ministers demanded immediate meeting on delhi ncr pollution

 

राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर छाई जहरीली धुंध के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से तुंरत हस्तक्षेप करने और संबंधित राज्यों से मिलकर इस गंभीर स्थिति ने निपटने के लिए संयुक्त योजना लागू करने की मांग की.

वहीं दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ प्रस्तावित बैठक को 12 सितंबर, 17 अक्टूबर एवं 19 अक्टूबर को लगातार तीन बार टालने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनके पास दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता पर विचार करने के लिए समय नहीं है.

सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्र सरकार पराली को जलाने से रोकने के लिए 63,000 मशीनें बना रही है जो दो साल में उपलब्ध होंगी और पूरी योजना को लागू करने में संभवत: 50 से 60 साल लगेंगे. उन्होंने पूछा कि इस अवधि में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लोग क्या करेंगे.

सिसोदिया की टिप्पणी उस दिन आई है जब जावेड़कर ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बच्चों से पराली जलाने के मामले में हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने को कहकर मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं और अन्य मुख्यमंत्रियों को ‘खलनायक’ के रूप में पेश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, हम एनसीआर के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ अतंर राज्यीय बैठक कर रहे हैं. सभी पक्षकारों को मिलकर काम करना चाहिए और एक दूसरे पर आरोप नहीं लगाने चाहिए.”

इस बीच, केजरीवाल ने जावड़ेकर को पत्र लिखकर कहा कि वायु प्रदूषण दिल्ली विशेष के लिए नहीं है यह उत्तर भारत का मुद्दा है और इसलिए केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में इसका समाधान खोजना चाहिए.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के खातिर दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की मांग की है.

उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कुछ पक्षकारों द्वारा प्रदूषण पर कथित राजनीति करने की आलोचना की.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार और कांग्रेस शासित पंजाब पर पराली जलाने से रोकने में नाकाम होने का आरोप लगा रही है जिसे दिल्ली के प्रदूषण का मुख्य कारण माना जा रहा है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने इससे पहले जावड़ेकर से फोन पर बात कर क्षेत्र की सरकारों एवं संगठनों की समन्वित कोशिश एवं रणनीति बनाने के लिए बैठक बुलाने की मांग की. उन्होंने यह बैठक रविवार को बुलाने का सुझाव दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी केंद्र से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने रेखांकित किया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों की परेशानी से उनका राज्य बेरपरवाह नहीं है.”

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र सरकार ने पराली प्रबंधन के तहत किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने के उनके प्रस्ताव पर जवाब नहीं दिया.

अमरिंदर ने लिखा, ” क्या पंजाब एंव हरियाणा सहित सभी पक्षकारों से परामर्श कर इस समस्या का समाधान खोजना आपकी सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, मान्यवर प्रधानमंत्री?”

उन्होंने स्वीकार किया कि पराली जलाने और हवाओं की दिशा की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा, लेकिन साथ विभिन्न स्वतंत्र एजेंसियों के आंकड़ों को भी रेखांकित किया जिसके मुताबिक प्रदूषण की वजह उद्योग, वाहन और दिल्ली में बड़े पैमाने पर हो रहे निर्माण कार्य हैं.

हालांकि, अमरिंदर सिंह ने साथ ही कहा कि वह इन आंकड़ों की आड़ नहीं ले रहे हैं न ही किसी पर आरोप लगा रहे हैं क्योंकि अपने गुनाह छिपाने से किसी को लाभ नहीं होगा.

वहीं, पहले जावड़ेकर ने कहा था कि पिछले 15 साल से प्रदूषण की समस्या बढ़ रही थी और अब नरेंद्र मोदी की सरकार इसका समाधान कर रही है.

उन्होंने शनिवार को कहा, ”यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री समाधान खोजने के बजाय प्रदूषण के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं. वह बच्चों को हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखने के लिए उकसा रहे हैं और उन्हें ‘ खलनायक’ की तरह पेश कर रहे हैं.

जावड़ेकर ने कहा, ”वायु प्रदूषण बिजली के बटन की तरह नहीं है जिसे जब चाहे खोल दें या बंद कर दें. प्रदूषण को कम करना सतत प्रक्रिया है. सभी राज्यों की एजेंसियों और लोगों को इस समस्या से निपटने में सहयोग करना चाहिए.”

केजरीवाल पर निशाना साधते हुए जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली सरकार को करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च करने के बजाय लोक कल्याण पर खर्च करना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”मैं प्रदूषण से लड़ने और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी एजेंसियों से मिलकर काम करने और तुच्छ राजनीति में नहीं पड़ने की अपील करता हूं.”

उन्होंने लोगों से मोटरवाहन के बजाय साइकिल और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील की.


ताज़ा ख़बरें