राजस्थान: वैलेंटाइन डे पर बीजेपी के थोपे गए मातृ-पितृ दिवस को कांग्रेस ने हटाया


Congress removed BJP's imposed mother-father on Valentine's Day

 

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने बीजेपी सरकार के एक और तुगलकी फरमान को खत्म कर दिया है. वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को स्कूलों में मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाने के आदेश को राजस्थान सरकार ने खत्म कर दिया है.

राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय परंपरा में माता-पिता और शिक्षकों को ऊंचा स्थान मिला है. हमें उनकी हमेशा प्रार्थना करनी चाहिए. साल के केवल एक दिन उनके लिए समारोह आयोजित करना हमारी संस्कृति के खिलाफ है.

राजस्थान की पिछली बीजेपी सरकार ने वैलेंटाइन डे को पाश्चात्य संस्कृति का चलन बताया था. तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने इसे भारतीय संस्कृति के अनुसार मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाने का आदेश जारी किया था. इसको लेकर कैलेंडर भी जारी किया गया था.

14 फरवरी का दिन इतिहास में प्रेम के प्रतीक के रूप में दर्ज है. इसे वैलेंटाइंस डे के तौर पर मनाया जाता है. इसे इस रूप में मनाने की भी अपनी एक कहानी है. कहते हैं कि तीसरी शताब्दी में रोम के एक क्रूर सम्राट ने प्रेम करने वालों पर जुल्म ढाए तो पादरी वैलेंटाइन ने सम्राट के आदेशों की अवहेलना कर प्रेम का संदेश दिया, लिहाजा उन्हें जेल में डाल दिया गया और 14 फरवरी 270 को फांसी पर लटका दिया गया.

प्रेम के लिए बलिदान देने वाले इस संत की याद में हर वर्ष 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाने का चलन शुरू हुआ. हाल के वर्षों में सोशल मीडिया और परस्पर संपर्क के माध्यमों के विस्तार के चलते इस दिन की लोकप्रियता दुनियाभर में बढ़ गई है और इसे मनाने वालों की तादाद में भी भारी इजाफा हुआ है. हालांकि हमारे देश में वैलेंटाइन डे मनाने को लेकर कुछ वर्गों से विरोध के स्वर भी उठते रहते हैं, लेकिन इस सब से बेखबर लोग फूल, चाकलेट और तोहफे देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं.

बीजेपी की सरकार संस्कृति का हवाला देते हुए ऐसे कदम उठाती रही है जो महिलाओं और पुरुषों को स्वतंत्र रूप से मिलने पर पाबंदी लगाती है.


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