साथ-साथ न हों जम्मू-कश्मीर में विधान सभा और आम चुनाव
गृह मंत्रालय और जम्मू -कश्मीर प्रशासन ने चुनाव आयोग से राज्य में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव अलग-अलग करवाने को कहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की विशेष खबर के अनुसार, पिछले दिनों पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद राज्य की तनावपूर्ण स्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग से यह आग्रह किया गया है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा कि चुनाव के वक्त बड़ी संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं, जो इस वक्त के हालात के हिसाब से संभव नहीं है. अखबार ने लिखा है कि गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग से लोकसभा चुनाव की शुरुआत जम्मू-कश्मीर से करने को कहा है. आयोग से आग्रह किया गया है कि देश में नई सरकार बनने के बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जाएं.
इस मामले में चुनाव आयोग गृह मंत्रालय से अपने आग्रह का लिखित में कारण बताने को कह सकता है. इसमें उसकी चिंताओं का पूरा विवरण होना चाहिए. इसके बाद ही आयोग चुनाव की तारीख का ऐलान करेगा. जम्मू-कश्मीर में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है.
संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति शासन लगने की स्थिति में छह महीनों के अंदर राज्य में चुनाव हो जाना चाहिेए. अगर तब तक चुनाव नहीं हुए तो शासन को छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है.