दिल्ली में 1.22 लाख मतदाता कम हुए: आप


the VVPAT slip wil prevail: EC

 

आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया है कि चुनाव आयोग के जारी किए गए की संशोधित मतदाता सूची में 1.22 लाख मतदाताओं की संख्या घट गई है. आप का मानना है कि इससे बीजेपी पर मतदाताओं के नाम कटवाने के आरोप की पुष्टि होती है.

10 जनवरी 2018 को चुनाव आयोग की तरफ से जारी हुए मतदाता सूची में 1,38,14,866 मतदाताओं की संख्या बताई गई थी. वहीं 19 जनवरी को जारी हुए सूची में मतदाताओं की संख्या में 119,575 की कमी देखने को मिली.

आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि आयोग की तरफ से जारी संशोधित सूची में पिछले एक साल की तुलना में मतदाताओं की संख्या 1.22 लाख कम हो गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘आप पिछले चार महीने से आयोग में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने की लगातार शिकायत कर रही है. आयोग की संशोधित सूची से हमारे इस आरोप की पुष्टि हो गई है कि भाजपा ने एक साजिश के तहत दिल्ली के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कटवाए हैं.’’

चडढ़ा ने कहा, ‘‘इस असंवैधानिक काम के लिए देश और दिल्ली की जनता से बीजेपी को माफ़ी मांगना चाहिए. साथ ही चुनाव आयोग भी स्पष्टीकरण दे कि जब दिल्ली में लगातार लोगों की संख्या बढ़ रही है तो मतदाता सूची में लोगों की संख्या कैसे घट रही है.’’

उन्होंने दलील दी कि दिल्ली की आबादी में प्रतिवर्ष छह लाख का इजाफा होता है. इनमें से मतदाता बनने योग्य लोगों की संख्या चार लाख होती है. इसके मुताबिक पिछले कई दशकों से मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या बढ़ रही है. लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जारी सूची में पिछले एक साल में मतदाताओं की संख्या कम होने की बात पहली बार देखी गयी है.

चड्ढा ने कहा, ‘‘इस सूची के जारी होने के बाद हमारा आरोप है कि साजिश के तहत बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के मतदाता सूची से 30 लाख लोगों का नाम कटवाया है.’’

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम कटे हैं उनमें अधिकांश पूर्वांचली और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं. वे आप के परंपरागत समर्थक माने जाते हैं.


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