CJI यौन उत्पीड़न मामले में सैकड़ों कार्यकताओं ने किया प्रदर्शन


100s of activists from women's groups, democratic groups against Supreme Court injustice

 

सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में तीन महीने गुजर जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं होने के चलते सैकड़ों की संख्या में महिला अधिकार समूहों, कार्यकर्ताओं और जागरूक नागरिकों ने कल देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किया.

राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए समूहों ने आरोप लगाया कि बीते तीन महीनों में सत्ता में बैठे लोगों ने शिकायतकर्ता को हर तरह से परेशान करने का काम किया है और उसे अपना पक्ष रखने के लिए बराबर का मौका नहीं दिया गया. यह सीधे तौर पर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और स्वयं सुप्रीम कोर्ट द्वारा कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए बनाई गई विशाखा गाइडलाइन का उल्लंघन था. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस पर सवाल उठाए, उन्हें अब भी धमकाया और डराया जा रहा है.

हाथों में तख्ती लिए इन कार्यकर्ताओं ने ये भी कहा कि इस मामले से यौन उत्पीड़न कानून की बहुत सारी खामियां उजागर हो गई हैं. ये जाहिर हो गया है कि सीजेआई के खिलाफ आई यौन उत्पीड़न की शिकायत से निपटने के लिए कोई उचित कानूनी प्रक्रिया नहीं है. सुनवाई कर रही समिति ने उन खतरों को अनदेखा किया जिसका सामना शिकायतकर्ता अपनी लैंगिक, जातिगत और सामाजिक पृष्ठभूमि के चलते कर रही थी. समूहों ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता को कोई भी कानूनी सहायता नहीं दी गई.

समूहों ने मांग की कि शिकायतकर्ता को समिति की वह रिपोर्ट सौंपी जाए जिसमें सीजेआई पर लगाए आरोपों को बेबुनियाद बताया गया. साथ ही विशाखा गाइडलाइन के तहत इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई शुरू की जाए और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाली इंदिरा जयसिंह जैसी वरिष्ठ अधिवक्ताओं का उत्पीड़न बंद किया जाए.


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