हिंदी भाषी के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी पर कंडक्टर ने दिखाया बाहर का रास्ता
Wikimedia Commons
न्यूजीलैंड के वेलिंगटन में नस्लभेद का विरोध करने वाली एक महिला कंडक्टर सैकड़ों लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं. दरअसल घटना वेलिंगटन शहर की है जहां ट्रेन की कंडक्टर ने एक 16 वर्षीय पैसेजर को हिंदी भाषी व्यक्ति पर नस्लभेदी टिप्पणी करने के लिए ट्रेन से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
ट्रेन वेलिंगटन रेलवे स्टेशन से अपर हट्ट की ओर जा रही थी. सफर के दौरान ट्रेन में बैठा एक यात्री अपने मोबाइल पर हिंदी में बात कर रहा था. तभी अचानक एक 16 वर्षीय लड़की उस व्यक्ति को चिल्ला कर कहती है, “तुम अपने देश वापस चले जाओ, इस भाषा में यहां बात मत करो.”
जिसके बाद महिला यात्री की टिप्पणी से नाखुश कंडक्टर जेजे फिलिप्स ने लड़की की टिप्पणियों का विरोध किया और उससे ट्रेन से उतरने को कहा. हालांकि लड़की ने ऐसा करने से इंकार कर दिया.
महिला यात्री के मना करने पर कंडक्टर ने पुलिस को बुलाया. जिसके बाद मामला सुलझने और ट्रेन शुरू होने में 20 मिनट की देरी हो गई.
एक पैसेंजर ने रिपोर्टर को बताया कि “वो कह रही थी कि वो अगले स्टेशन पर उतर जाएगी हालांकि कंडरक्टर ने लड़की से उसी समय उतरने को कहा.” उनके मुताबिक लड़की बहुत गुस्से में थी और वो ट्रेन में दूसरी भाषा में बात कर रहे हर व्यक्ति के खिलाफ लगातार नस्लभेदी टिप्पणियों को दोहरा रही थी.
मसला सुलझने में कुछ समय लगा जिसके बाद फिलिप्स ने यात्रा में हुए विलंब के लिए यात्रियों से माफी भी मांगी और कहा कि उस लड़की का व्यवहार बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं है. ट्रेन में बैठे सभी यात्रियों ने महिला कंडक्टर के फैसले का स्वागत किया और उनके लिए तालियां बजाईं.
फिलिप्स नस्लभेद का विरोध करने वाली हीरो बन गई हैं.
वेलिंगटन के मेयर जस्टिन लेस्टर ने घटना की निंदा की और कहा कि “इस तरह के नस्लभेदी घटना को सुनकर हैरान हूं, इस किशोर लड़की ने जरूर अपने घर, माता-पिता और दोस्तों के बीच इन बातों को सीखा होगा.”
लेस्टर को फिलिप्स के फैसले पर गर्व है. उन्होंने बताया कि वो फिलिप्स का नाम ‘नागरिक सुरक्षा सम्मान’ के लिए आगे बढ़ाएंगे.