पेड़ से लटकी मिली छात्रा की लाश, परिजनों ने बलात्कार और हत्या का लगाया आरोप


one convict in nirbhaya rape and killing case files review petition against death sentence

 

गुजरात के अरावली जिले के मोदसा गांव से 1 जनवरी को 19 साल की दलित छात्रा लापता हो गई थी. 5 जनवरी को छात्रा का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला था. छात्रा के परिजनों ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगााया है. इस मामले में गुजरात पुलिस के ढीले रवैये से आक्रोशित छात्रा के परिवार वालों ने शव लेने से इनकार कर दिया था. चार दिन बाद 9 जनवरी को शव का अंतिम संस्‍कार किया गया. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.

इस मामले को लेकर ट्विटर पर इंसाफ की मुहिम शुरू हो गई. हजारों की संख्‍या में लोग ट्वीट कर दलित छात्रा को न्‍याय दिए जाने की मांग कर रहे हैं. आरोपों के बीच पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में गैंगरेप या हत्‍या की पुष्टि नहीं हुई है.

परिजनों ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है. सभी पर अपहरण, रेप और मर्डर का मामला दर्ज किया गया है.

इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस चारों आरोपियों बिमल भारवाड, उसके दोस्‍तों दर्शन भारवाड, सतीश भारवाड और जिगर का पता भी नहीं लगा सकी है. इंस्‍पेक्‍टर जनरल मयंक सिंह चावड़ा ने कहा, ‘पुलिस आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल रही है. हमने स्‍थानीय पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी जांच शुरू की है जिन पर एफआईआर में गड़बड़ी करने का आरोप है.’

जिले के एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘गैंगरेप और मर्डर को पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में पूरी तरह से खारिज किया गया है. प्रथमदृष्‍टया ऐसा लग रहा है कि लड़की ने पेड़ से फांसी लगाई जिससे वह सांस नहीं ले सकी और उसकी मौत हो गई.’ उन्‍होंने कहा कि पुलिस अब लड़की के प्राइवेट पार्ट और खून के फरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लड़की का यौन उत्‍पीड़न हुआ था या नहीं.


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