सऊदी अरब: मृत्युदंड पाने वाले 37 दोषियों में 33 अल्पसंख्यक शिया


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मानवाधिकार के लिए काम करने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि सऊदी अरब में एक ही दिन जिन 37 लोगों को मौत की सजा दी गयी उनमें कम से कम 33 लोग देश के अल्पसंख्यक शिया मुसलमान थे.

आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक इन व्यक्तियों को आतंकवाद का दोषी पाए जाने के बाद मौत की सजा दी गई.

एचआरडब्ल्यू के शोधकर्ता एडम कूगल ने कहा, “33 के बारे में हम निश्चित हैं कि वे शिया थे.”

गृह मंत्रालय ने कहा कि मौत की सजा दिए गए लोगों में से कुछ, ‘सांप्रदायिक संघर्ष भड़काने’ के आरोपी थे. सऊदी अरब में शिया कार्यकर्ताओं के खिलाफ अक्सर इस आरोप का प्रयोग किया जाता है.

अधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी कहा कि सजा पाने वालों में से ज्यादातर शिया थे.

समूह ने एक बयान में कहा कि उन्हें, “ऐसे बनावटी मुकदमों के बाद दोषी ठहराया गया जिसमें निष्पक्ष मुकदमे के अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन किया गया और जो प्रताड़ना के माध्यम से हासिल की गई अपराध स्वीकृति पर निर्भर थे.’’

एमनेस्टी के पश्चिम एशिया शोध निदेशक लिन मालूफ ने कहा कि ये सजा इस बात का एक बार फिर बर्बर संकेत देती है कि कैसे मौत की सजा का इस्तेमाल शिया अल्पसंख्यक समुदाय के भीतर से उठ रही असहमति को दबाने के लिए किया जाता है.

अधिकार संस्था ने कहा कि सजा पाने वालों में से 11 ईरान के लिए जासूसी करने के दोषी थे जबकि कम से कम 14 को पूर्वी प्रांत में 2011 से 2012 के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शनों के संबंध में सजा दी गई.


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