परियोजनाओं में देरी के चलते लागत में 3.16 लाख करोड़ का इजाफा


344 infra projects show cost overruns of Rs 3.16 lakh cr

 

देश में बुनियादी ढांचे की करीब 344 परियोजनाएं में 3.16 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हो चुका है. ऐसा इन परियोजनाओं में देरी के चलते हुआ है. इन 344 परियोजनाओं में सिर्फ वे परियोजनाएं शामिल की गई हैं जिनकी लागत 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक है.

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की दिसंबर 2018 की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक 1,424 परियोजनाओं की कुल मूल लागत 18,17,469.76 करोड़ रुपये थी. अब इनकी अनुमानित बढ़ी लागत 21,33,649.81 करोड़ रुपये पहुंच गयी है.

यह सीधे तौर पर मूल लागत से 17.40 फीसदी, यानी 3,16,180.05 करोड़ रुपये अधिक हो गई है.

मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर नजर रखता है.

इन 1,424 परियोजनाओं में से 344 की लागत बढ़ी है और 384 परियोजनाएं अपने नियत समय से देरी से चल रही हैं.

रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2018 तक इन परियोजनाओं पर 8,06,997.78 करोड़ रुपये व्यय हुए जो इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 37.82 फीसदी है. देरी से चल रही परियोजनाओं का अगर उनके पूर्ण होने के नए कार्यक्रम के आधार पर आकलन किया जाए तो इनकी संख्या घटकर 326 हो जाएगी.

वहीं देरी से चल रही 384 परियोजनाओं में से 113 परियोजनाएं एक से 12 महीने की देरी से चल रही हैं. वहीं 61 परियोजनाएं 13 से 24 महीने, 101 परियोजनाएं 25 से 60 महीने और 109 परियोजनाएं 61 महीने से भी अधिक देरी से चल रही हैं.


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