हर दूसरा भारतीय रिश्वत देने के लिए मजबूर
एक सर्वे के अनुसार देश में पिछले वर्ष से रिश्वतखोरी की घटनाओं में 10 फीसदी की कमी आई है.
कमी आने के बावजूद सर्वे में 24 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में कई बार रिश्वत दी है और 27 फीसदी ने एक या दो बार रिश्वत देने की बात स्वीकार की.
सर्वे के अनुसार 35 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने अपने काम कराने के लिए पिछले 12 महीनों में रिश्वत दी है और 16 फीसदी लोगों ने कहा कि वे हमेशा बिना रिश्वत दिये ही अपना काम कराते है.
यह सर्वे ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया’ (टीआईआई) और लोकल सर्किल्स ने किया है. यह एक गैर राजनीतिक, स्वतंत्र और गैर सरकारी भ्रष्टाचार रोधी संगठन है.
सर्वे के अनुसार 51 फीसदी भारतीयों ने पिछले 12 महीनों में एक बार रिश्वत जरूर दी है.
दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा और ओडिशा में लोगों ने भ्रष्टाचार के कम मामले दर्ज कराये जबकि राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में भ्रष्टाचार की घटनाएं अधिक थीं.
‘इंडिया करप्शन सर्वे 2019’ में 20 राज्यों के 248 जिलों में 1,90,000 लोगों से जवाब प्राप्त हुए.
संगठन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि टीआईआई द्वारा जारी ‘करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2018’ भारत की रैंकिंग में पिछले साल की तुलना में तीन स्थानों का सुधार हुआ है और अब 180 देशों की सूची में भारत का स्थान 78 है.
सर्वे के अनुसार रिश्वत देने के लिए नकदी अभी भी पहला साधन बना हुआ है.