सामने आया 1945 के शिमला सम्मेलन का दुर्लभ वीडियो, नेवी अधिकारी की बेटी ने सरकार को सौंपा


74 years later, Navy officer's daughter handed over rare video of Shimla conference to Government of India

 

1945 में हुए शिमला सम्मेलन का दुर्लभ वीडियो नेशनल फिल्म आर्काइव्स ऑफ इंडिया(एनएफएआई) ने जारी किया है. 12 मिनट के इस वीडियो को रॉयल इंडिया नैवल के अधिकारी विलियम ग्लेडहिल टेलर ने आठ एमएम फॉर्मेट में शूट किया था. लॉर्ड वेबेल ने वेबेल योजना के प्रावधानों पर विचार के लिए ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला में 21 भारतीय नेताओं का एक सम्मलेन आयोजित किया था.

करीब सात दशकों के बाद विलियम ग्लेडहिल टेलर की बेटी मार्गेट साउथ ने वीडियो एनएफएआई को संरक्षित करने के लिए सौंपा है. वह ब्रिटेन में रहती हैं.

एनएफएआई के निदेशक प्रकाश मैगडम ने कहा, “यह भारत की आजादी से पहले एक महत्वपूर्ण घटना के शॉट का अद्भुत संग्रह है. उस समय के कई महत्वपूर्ण नेताओं को वीडियो में देखा जा सकता है, इनमें कुछ नेताओं के शॉट काफी करीब से लिए गए हैं.”

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाला एनएफएआई ऐतिहासिक और दुर्लभ वीडियो को संरक्षित करने का काम करता है.

वीडियो में स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, सी राजगोपालचारी, एमए जिन्ना, राजेन्द्र प्रसाद, भुलाभाई देसाई, मास्टर तारा सिंह और जीबी पंत दिख रहे हैं.

वीडियो में दिख रहा है कि महात्मा गांधी लॉर्ड वेबेल से बैठक के बाद विसरेगल लॉज की ओर लौट रहे हैं. वीडियो में कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी आपस में बातचीत कर रहे हैं. इस मौके पर वायसराय लॉर्ड वेबेल अपनी पत्नी के साथ भारतीय नेताओं का अभिवादन कर रहे हैं.

ऐतिहासिक शिमला सम्मेलन 25 जून से 14 जुलाई 1945 के बीच शिमला के विसरेगल लॉज में हुआ था.

वीडियो बनाने वाले टेलर ने 17 साल की आयु में साल 1939 को ब्रिटिश इंडिया स्टीम नेविगेशन कंपनी ज्वाईन किया था. बाद में  उन्होंने इंडियन नेवी ज्वाईन किया.

विलियम टेलर की बेटी के मुताबिक यह वीडियो आठ एमएम सिनेमेटोग्राफी कैमरे से लिया गया था. उन्होंने एनएफएआई को लिखा कि विलियम टेलर ऐतिहासिक क्षणों को कैमरे में कैद कर पाने में कामयाब रहे हालांकि वह बढ़िया क्वालिटी का नहीं है. टेलर कुछ समय शिमला में रहे. वह बाद में ब्रिटेन लौट गए. उनकी मृत्यु 2010 में हुई.


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