पश्चिम बंगाल उपचुनाव में 75 फीसदी मतदान, बीजेपी उम्मीदवार से मारपीट


75% turnout in West Bengal by-election, BJP candidate beaten up

 

पश्चिम बंगाल में तीन विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में सात लाख से अधिक मतदाताओं में से 75.34 फीसदी ने वोट डाला. इस बीच आरोप है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और करीमपुर विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार जयप्रकाश मजूमदार के साथ नदिया जिले के फीपुलखोला इलाके में  मतदान केन्द्र में दाखिल होते समय तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मारपीट की.

करीमपुर के अलावा खड़गपुर सदर और कालीगंज विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए.

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ”शाम पांच बजे तक मतदान प्रतिशत 75.34 फीसदी रहा. शाम छह बजे के बाद भी मतदान केंद्रों के बाहर कतारें लगी हुई थीं. इसलिए जब हम सभी आंकड़ों को एक साथ मिलाएंगे तो मत-प्रतिशत बढ़ सकता है.”

अधिकारी ने बताया, ”नदिया जिले के करीमपुर की घटना को छोड़कर मतदान लगभग शांतिपूर्ण रहा. हम इस पर गौर कर रहे हैं.”

टीवी फुटेज में कुछ लोग मजूमदार से मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं.

उन्होंने तृणमूल के कथित ”गुंडों” को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जख्म भर जाएंगे लेकिन यह घटना ”पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र के अंत” का ”स्पष्ट” संकेत है.

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि तृणमूल कार्यकर्ता फर्जी मतदाता थे जो मतदान को बाधित करने के इरादे से वहां इकट्ठे हुए थे.

मजूमदार के इन आरोपों को ”निराधार” बताते हुए तृणमूल की नदिया जिला इकाई ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उनपर हमला किया क्योंकि वे उनके द्वारा चुनावी माहौल खराब किए जाने से नाराज थे.

इस बीच, निर्वाचन आयोग ने मामले पर रिपोर्ट मांगी है.

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया.

करीमपुर के अलावा यहां खड़गपुर सदर और कालियागंज में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुआ.

महुआ मोइत्रा के कृष्णानगर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद करीमपुर सीट खाली हो गई थी.

खड़गपुर सदर के विधायक के भी इस साल लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद यह सीट रिक्त हुई थी जबकि कालियागंज के कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ रे के निधन के बाद यहां उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था.

उपचुनाव के नतीजे 28 नवम्बर को घोषित किए जाएंगे.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर मामले में उनसे हस्तक्षेप करने के लिए कहा और टीएमसी पर आरोप लगाया कि ”उसने पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर चुनावों को तमाशा” बना दिया है.

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी घटना की निंदा की और टीएमसी से माफी मांगने के लिए कहा.

राज्य के मंत्री और टीएमसी के नेता राजीब बनर्जी ने कहा कि भगवा दल ने इस घटना के लिए पहले से योजना बनाई थी ”ताकि चुनावों के दिन सहानुभूति हासिल की जा सके.”

सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी है.

कांग्रेस और माकपा तीन वर्षों के बाद उपचुनावों में एक साथ लड़ रहे हैं. उन्होंने भाजपा और टीएमसी पर आरोप राज्य में लोकतांत्रिक माहौल खराब करने के आरोप लगाए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुवांकर सरकार ने कहा, ”टीएमसी ने मतदाताओं को आतंकित करने के लिए राज्य पुलिस का इस्तेमाल किया. भाजपा ने ऐसा करने के लिए केंद्रीय बलों का इस्तेमाल किया. वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.”


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