निठारी कांड: सुरेंद्र कोली को एक और मामले में फांसी


accused of nithari serial killing surendra koli sentenced to death

 

साल 2006 के चर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को एक और मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है. ये इस कांड का 10वां मामला है जिस पर कोली को सजा सुनाई गई है.

निठारी कांड का ये मामला पश्चिम बंगाल निवासी 14 साल की नाबालिग से जुड़ा है. सीबीआई के वकील जेपी शर्मा ने बताया, “पश्चिम बंगाल निवासी 14 वर्षीय नाबालिग अपने माता-पिता के साथ निठारी गांव में रहती थी. नाबालिग की मां घरों में सफाई का काम करती थी. उसका पिता चाय की दुकान चलाता था. 15 मार्च 2005 को नाबालिग घर से लापता हुई थी.”

शर्मा ने बताया कि काफी खोजने के बाद जब लड़की नहीं मिली तो उसके परिजनों ने 16 मार्च 2005 को नोएडा सेक्टर 20 के थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. नोयडा में लगातार गायब हो रहे बच्चों की शिकायतों का खुलासा सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर की गिरफ्तारी के बाद हुआ था.

सीबीआई अदालत के विशेष जज अमितवीर सिंह ने इस मामले में दोषी सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई. उस पर एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

शर्मा ने बताया, ‘‘कोली ने पूछताछ के दौरान महिला और बच्चों की हत्या किए जाने का अपराध स्वीकार किया था. पुलिस ने कोली की निशानदेही पर कोठी संख्या डी-5 के पीछे नाले से बच्चों की हड्डी, कंकाल और जूते चप्पल व कपड़े बरामद किए थे. बाद में यह मामला जांच के लिए सीबीआई को दे दिया गया था.’’

जांच एजेंसी ने कोली और पंढेर के खिलाफ 19 मामले दर्ज किए थे. कोली ने पूछताछ के दौरान नाबालिग की हत्या करने का जुर्म कबूल किया था. सीबीआई के मुताबिक उसने नाबालिग को कोठी के बाहर रोक लिया था और बहला फुसलाकर कोठी के अंदर ले गया.


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