मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के आरोपियों के खिलाफ सबूत: कोर्ट


In Kozhikode, Kerala, the police have arrested EK Usman in an alleged triple talaq case

 

दिल्ली की एक अदालत ने बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है. इन आरोपों में बलात्कार और यौन उत्पीड़न की आपराधिक साजिश भी शामिल है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने 21 आरोपियों पर मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं.  18 मार्च को अगली सुनवाई होगी.

बलात्कार (376) और आपराधिक साजिश के अलावा अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉस्को) अधिनियम की विभिन्न धाराओं और अन्य आरोपों के तहत भी आरोप तय किए हैं.

वहीं, अदालत के समक्ष पेश हुए सभी आरोपियों ने खुद के बेकसूर होने का दावा किया है.

इस मामले के कथित मास्टरमाइंड और रसूखदार व्यक्ति ब्रजेश ठाकुर पर पॉस्को कानून के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में उसने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की 7.30 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है.

इस अपराध के लिए कम से कम 10 साल की कैद और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है.

सभी 20 आरोपियों पर किशोरियों से बलात्कार और यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए गए हैं.

अदालत बलात्कार, यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, किशोरियों को नशीला पदार्थ देने, आपराधिक भयादोहन के आरोपों पर सुनवाई करेगी.

मुख्य आरोपी ठाकुर और उसके बालिका गृह के कर्मचारियों तथा बिहार समाज कल्याण विभाग के कुछ अधिकारियों पर आपराधिक साजिश रचने, कर्तव्य नहीं निभाने, लड़कियों के यौन उत्पीड़न को रिपोर्ट करने में नाकाम रहने के आरोप तय किए गए हैं.

उनके खिलाफ अपने प्राधिकार में मौजूद बच्चियों पर निर्ममता बरतने के आरोप भी शामिल हैं.

हाईकोर्ट ने सात फरवरी को यह मामला बिहार से दिल्ली के साकेत स्थित पॉस्को अदालत भेजने का आदेश दिया था.

आर्म्स एक्ट के एक मामले में बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को पहले ही जमानत मिल गई थी. सीबीआई ने पिछले साल 18 अगस्त को बेगूसराय के अर्जुन टोला गांव स्थित मंजू के ससुराल से 50 कारतूस बरामद होने पर मंजू और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में छापेमारी के दौरान ये कारतूस बरामद किए गए थे.

ठाकुर के एक एनजीओ द्वारा संचालित किए जाने वाले इस बालिका गृह में कई लड़कियों का कथित तौर पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था. यह मामला पिछले साल टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट के बाद प्रकाश में आया था.


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