सबसे कम उम्र में सांसद बनने वाली आदिवासी महिला चंद्रानी मुर्मु


adivasi women Chandrani Murmu to sworn in as youngest mp of india

  साभार: ट्विटर

कुछ महीनों पहले तक ग्रेजुएट स्तर पर एक छोटी सी नौकरी के सपने देखने वाली चंद्रनी मुर्मु अब ओडिशा में क्योंझर की सांसद हैं.

25 वर्षीय चंद्रानी, सबसे कम उम्र में सांसद बनी हैं. बीजू जनता दल उम्मीदवार चंद्रानी ने ओडिशा की आदिवासी आरक्षित लोकसभा सीट क्योंझर से जीत दर्ज की है. उन्होंने दो बार के सांसद और बीजेपी नेता अनंत नायक को 66,203 वोटों से हराकार बड़ी जीत हासिल की है. वह 17वीं लोकसभा में बैठने वाली सबसे कम उम्र की महिला सांसद होंगी.

इससे पहले ये रिकॉर्ड जननायक जनता पार्टी के संस्थापक दुष्यंत चौटाला के नाम था. दुष्यंत ने बीते लोकसभा चुनाव में हरियाणा की हिसार सीट से जीत दर्ज कर सबसे कम उम्र में सांसद बनने का रिकॉर्ड कायम किया था. वो हरियाणा के जाने-माने नेता ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं.

दरअसल ओडिशा की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी बीजेडी अपनी पार्टी की नीति के तहत 33 फीसदी महिलाओं को संसद में नेतृत्व देने के लिए पढ़ी लिखी महिला उम्मीदवारों की खोज में थी. क्योंझर से चंद्रानी के नाना सांसद रह चुके हैं. ऐसे में उन्हें इसके बारे में पता चला और उन्होंने सार्वजनिक जीवन में आने का फैसला किया.

पर चंद्रानी के लिए यह जीत इतनी आसान नहीं थी क्योंकि उनका परिवार पिछले 20 सालों से राजनीति से दूर था. चंद्रानी ने द हिंदू से बातचीत में बताया, “मैंने राजनीतिक जीवन में पूरी तरह आने का फैसला किया है, अब मेरी उम्र फैसला नहीं करेगी कि संसद में मेरी आवाज कितना जोर से गूंजेगी. मैं खुद को सांसद के तौर पर साबित करूंगी.”

देश का 20 फीसदी लौह अयस्क इसी क्षेत्र से आता है. इसके साथ ही क्षेत्र में बड़ी मात्रा में प्राकृतिक संसाधन मौजूद है. लेकिन “अ रिच लैंड विद पुअर पीपल” के नाम से जाना जाने वाला क्योंझर आज भी विकास की राह देख रहा है.

चंद्रानी ने अपनी जीत पर कहा, “मैं इस इलाकों को दिए गए नाम से वाकिफ हूं. मुझे नॉमिनेशन दाखिल करने से कुछ हफ्ते पहले ही उम्मीदवारी की जानकारी मिली थी. सच कहूं तो इस इलाकों में अब भी बहुत अच्छे से नहीं जानती हूं. इसलिए सबसे पहले काम मेरा होगा कि मैं यहां लोगों से मुलाकात करूं, इस क्षेत्र के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करूं.”

चंद्रानी के लिए ये जीत कई मायनों में अहम है. एक आदिवासी महिला होने की वजह से वो संकुचित मानसिकता वाले विरोधियों के निशाने पर थीं. चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें कई निजी हमलों का सामना करना पड़ा, लेकिन वो लड़ीं. पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने उनकी भद्दी फोटोशॉप तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैला दी थी. शिकाल करने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.


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