केरल में एक साल बाद फिर निपाह वायरस ने दी दस्तक


after a year, new case of nipah virus in kerela

 

केरल में निपाह वायरस का ताजा मामला सामने आया है. इसके चपेट में आए एक कॉलेज छात्र को आईसीयू में भर्ती किया गया है.इस तरह एक साल बाद निपाह वायरस ने फिर से राज्य में दस्तक दी है. इस मामले में केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा, “हमें शक है कि यह निपाह है. उम्मीद करते हैं कि ऐसा ना हो. हम इसे काबू करने के लिए सभी उचित कदम उठा रहे हैं.”

ख़बरों के अनुसार, निपाह के शक में 23 साल के छात्र को एर्नाकुलम के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया है. छात्र के खून का नमूना पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेज दिया गया है.एर्नाकुलम के रहने वाले पीड़ित छात्र ने तेज बुखार की शिकायत की थी. वह 22 अन्य लोगों के साथ एक प्राइवेट कंपनी में इंटर्नशिप करने त्रिशूर गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल अधिकारियों ने सभी लोंगो की जांच की है.

पीड़ित ने तेज बुखार के बाद त्रिशूर के एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया था.डॉक्टर को दिखाने के बाद भी जब बुखार नहीं उतरा तो पीड़ित के घर वाले उन्हें एर्नाकुलम के एक अस्पताल में लेकर गए.
वहां डॉक्टरों ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को बताया कि सभी लक्षण निपाह के संक्रमण से मिलते-जुलते हैं.

पिछले साल जून में केरल के कोड़िकोड में पहला निपाह वायरस का मामला सामने आया था. इसमें 17 लोंगों की जान गई थी. उनमें एक नर्स भी शामिल थी. कोड़िकोड में निपाह से निपटने के लिए जिस मेडिकल टीम ने काम किया था, उसी टीम को ताजा मामले में पीड़ित के इलाज के लिए बुलाया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने लोगों से कहा है कि शांति बनाए रखें और किसी को भी लंबे समय के लिए बुखार हो तो नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं. उन्होंने कहा, “हमारे पास दवा की कमी नहीं है. पिछले साल यह मामला सामने आने के बाद हमने ऑस्ट्रेलिया से एंटीबॉडी मंगवाया था. तब हमें उसकी जरूरत नहीं थी इसलिए हमने उसे पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेज दिया था. अभी हमें जैसे ही उसकी जरूरत होगी वह मंगाया जा सकता है.”

उन्होंने बताया कि मेडिकल टीम ने पहले ही पीड़ित के संपर्क में आए लोगों की जांच कर ली है. हालांकि किसी को कोई बीमारी नहीं है फिर भी हम सब की निगरानी कर रहे हैं.एर्नाकुलम के कलामासेरी स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में सातों दिन चौबीस घंटे के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.

त्रिशूर में जिला चिकित्सा अधिकारी केजे रीना ने कहा, “पीड़ित को बुखार त्रिशूर में नहीं आया है. इसलिए बुखार कब और कहां आया इसका पता लगाया जा रहा है. 21 मई को जब पीड़ित त्रिशूर आए थे, तब भी उन्हें बुखार था.” पिछले साल के कोड़िकोड की तुलना में पीड़ित ने श्वसन संबंधी लक्षण नहीं दिखाए हैं.

रीना ने कहा, “निपाह वायरस से ग्रस्त होने का लक्षण तेज बुखार, खांसी, उल्टी और श्वसन संबंधी परेशानी होती है. लेकिन इस मामले में पीड़ित का मस्तिष्क संक्रमित हो रहा है.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक निपाह वायरस इंसानों में चमगादड़ और सुअरों के जरिए फैलता है. संक्रमित व्यक्ति से यह दूसरे व्यक्तियों में फैलता है. यह बीमारी हवा के जरिए फैलती है.


Big News