निषाद पार्टी के एलान के बाद सपा ने गोरखपुर से उतारा नया उम्मीदवार
सपा बसपा रालोद महागठबंधन से अलग होने के बाद अब निषाद पार्टी अपनी अलग राह चुनते हुए दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है. ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि निषाद पार्टी बीजेपी का दामन थाम सकती है .
वहीं संजय निषाद के एलान के बाद निषाद पार्टी को बीजेपी के साथ जाता देख सपा ने बड़ा दांव चला है और गोरखपुर से रामभुआल निषाद को टिकट दिया है. रामभुआल निषाद को सपा में निषाद समुदाय के चेहरे के तौर पर देखा जाता है.
इससे पहले निषाद पार्टी के मीडिया इंचार्ज निक्की निषाद उर्फ रितेष निषाद ने गोरखपुर में कहा, ”निषाद पार्टी अब समाजवादी पार्टी का हिस्सा नहीं रही. दोनों पार्टियों के बीच महाराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था, निषाद पार्टी इसे अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है.”
उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे और पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया, ”हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद जी गुरुवार शाम को लखनऊ गए और उसके बाद यह साफ हो गया कि निषाद पार्टी अब गठबंधन का हिस्सा नहीं है.”
अभी तीन दिन पहले निषाद (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) पार्टी ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस में घोषणा की थी कि वह प्रदेश में महागठबंधन का हिस्सा होगी.
निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद है और उनके पुत्र प्रवीण निषाद ने 2018 के उपचुनाव में सपा के टिकट पर गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीता था. यह जीत इस लिये मायने रखती थी क्योंकि यह सीट उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपनी सीट थी और वह पहले कई बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं.
निषाद पार्टी के सूत्रों ने बताया कि उनकी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ गोरखपुर समेत दूसरी सीटों के बारे में बात हो रही है .