अजित का कदम अनुशासनहीनता, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की बनेगी सरकार: शरद पवार


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एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाने के अजित पवार के फैसले को ”अनुशासनहीनता” करार दिया. उन्होंने कहा कि उनके भतीजे और पाला बदलने वाले पार्टी के अन्य विधायकों पर ”दल-बदल विरोधी कानून” के प्रावधान लागू होंगे.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख ने दावा किया कि बीजेपी नीत नई सरकार विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस’ के पास संयुक्त रूप से संख्या बल है और तीनों दल सरकार बनाएंगे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी तीनों दलों के साथ मिल कर सरकार बनाने की बात दोहराई.

सुबह हुए चौंका देने वाले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पवार ने शिवसेना प्रमुख के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.

ठाकरे ने कहा, ”पहले ईवीएम का खेल चल रहा था और अब यह एक नया खेल है. अब मुझे नहीं लगता कि चुनाव कराने की भी कोई जरूरत है.”

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि देवेन्द्र फड़णवीस ने जिस ”गुपचुप” तरीके से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद और एनसीपी के अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उसे राज्य के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में शिवसेना, एनसीपी और उनकी पार्टी की सरकार बनेगी.

उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि राज्य में शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने में कांग्रेस ने विलंब किया.

पटेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने ”बेशर्मी” की सीमा लांघ दी. उन्होंने कहा कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ हाथ मिलाकर भगवा दल द्वारा सरकार बनाने के बाद लोकतंत्र ”बिखर” गया है.

बहरहाल पटेल ने कहा कि शिवसेना- कांग्रेस- एनसीपी गठबंधन विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान भाजपा को हराएगा और तीनों दलों के गठबंधन की सरकार बनेगी.

उन्होंने कहा कि तीनों दल राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर लड़ाई लड़ेंगे.

पटेल के साथ कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, राज्य कांग्रेस के प्रमुख बाला साहेब थोराट एवं अन्य नेता भी मौजूद थे.

पटेल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ”जब मुख्यमंत्री को गुपचुप तरीके से शपथ दिलाई गई तो न तो बैंड-बाजा था, ना ही बराती थे और…इस घटना को महाराष्ट्र के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा.”

पटेल ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण नहीं दिया. 288 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 44 विधायक हैं.

उन्होंने कहा, ”इसके बाद एक नेता (अजित) जाते हैं और एक सूची सौंपते हैं. इस सूची की पुष्टि नहीं की जाती है. सभी से बात की जानी चाहिए थी. लेकिन किसी को बताए बिना मनमाने तरीके से सुबह में शपथ ग्रहण समारोह करा दिया गया. मुझे इसमें षड्यंत्र नजर आता है, कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है.”

उन्होंने कहा कि देश और महाराष्ट्र के लोगों का लोकतंत्र के सिद्धांतों में विश्वास है. उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बगैर कहा, ”लेकिन उस विश्वास का अपमान किया गया.”

पटेल ने कहा, ”संविधान और लोकतंत्र को कुचला गया. बेशर्मी की हद होती है. उन्होंने बेशर्मी की सीमा लांघ दी.”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक ”एकजुट” हैं.

उन्होंने कहा, ”केवल दो विधायक (अपने) गांवों में हैं. वे बीजेपी को हराने के लिए तैयार हैं. शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनेगी.”

यह पूछने पर कि बहुमत साबित करने से पहले कांग्रेस विधायकों को कहीं और स्थानांतरित किया जाएगा ताकि कोई तोड़फोड़ नहीं हो सके तो पटेल ने कहा कि इस पर पार्टियां रणनीति बनाएंगी.

यह पूछने पर कि क्या पवार के एक निकट विश्वस्त के बीजेपी से हाथ मिलाने से कांग्रेस दुखी है तो पटेल ने कहा, ”नि:संदेह यह दुखद है. हम दुखी हैं और यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.”

पटेल ने एक पत्रकार के सवाल पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया, जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान पर विश्वास है कि अजित के कदम के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी.

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सहमति थी.


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