बल्ले से पीटने का कोई मलाल नहीं: आकाश विजयवर्गीय


Akash Vijayvargiya has no regret regarding beating a government officer

 

मध्य प्रदेश के शहरी निकाय के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से सरेआम पीटने के मामले के आरोपी बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि ‘सोच-समझकर उठाए गए अपने इस असामान्य कदम’ पर हालांकि उन्हें कोई पछतावा नहीं है लेकिन आइंदा वह जनता के मुद्दे उठाते वक्त महात्मा गांधी के बताये अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे.

आकाश (34) बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. इंदौर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान आकाश ने नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से कथित तौर पर पीट दिया था.

भोपाल की एक विशेष अदालत ने 29 जून की शाम बल्ला काण्ड और एक अन्य मामले मामले में उनकी जमानत अर्जी मंजूर की थी. इसके बाद वह इंदौर की जिला जेल से सुबह छूटे.

आकाश ने कहा, “देखिये, पहली बात तो मैं यह बता दूं कि उस दिन हमने जो एक्शन लिया था, वह सोच-समझ कर और पूरी जिम्मेदारी के साथ लिया था.”

उन्होंने कहा, “पुलिस की उपस्थिति में एक महिला को पैर पकड़कर खींचा जा रहा था. बारिश के मौसम में एक बेसहारा गरीब परिवार को उसके घर से बाहर निकाला जा रहा था. इस घर को तोड़ने के लिये अर्थमूविंग मशीनें बुला ली गयी थीं. उस वक्त मुझे जो सही लगा, मैंने वह सोच-समझकर किया. इसके लिये मुझे कोई मलाल नहीं है.”

आकाश विजयवर्गीय ने कहा, “हम आगे से गांधीजी का रास्ता अपनाने का प्रयास करेंगे. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उस दिन (अफसर को क्रिकेट के बल्ले से पीटने की घटना) की तरह मेरे द्वारा बल्लेबाजी करने का अवसर दोबारा कभी न आए. मेरा सभी युवाओं से भी निवेदन है कि उन्हें गांधी के दिखाए अहिंसात्मक मार्ग पर चलते हुए अपनी बात रखने का प्रयास करना चाहिए.”

अधिकारी को बल्ले से पीटने के गैरकानूनी कृत्य के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी विधायक ने कहा, “मेरे मन में कई महीनों से विचार चल रहा था. बड़े सोच-विचार के बाद मुझे यह कदम उठाना पड़ा. मगर यह एक असामान्य बात थी. हमें हमेशा प्रेम और अहिंसात्मक ढंग से काम करना चाहिये.”


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