कुम्भ मेले में सरकारी बदइंतजामी से प्रयागराज पर महामारी का खतरा: NGT


Alarmed at post-Kumbh mess in Prayagraj, NGT warns of epidemic

 

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को कुंभ मेले के बाद प्रयागराज में जमा हुए कचरे के लिए जमकर फटकार लगाई हैं. 49 दिनों  के कुंभ मेले के दौरान जमा हुए इस कचरे से शहर में महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है.

इस मामले में गंभीर चूक होने की बात कहते हुए एनजीटी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को फटकार लगाई. उन्हें शुक्रवार तक उपस्थित होने का निर्देश देते हुए प्राधिकरण ने कहा है कि वह इस कचरे के निस्तारण का उपाय बताएं और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करें.

प्राधिकरण ने इससे पहले कुम्भ मेले के दौरान गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए एक समिति गठित की थी. इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही उसने मुख्य सचिव से जवाब मांगा है.

एनजीटी की रिपोर्ट में यूपी के मुख्य सचिव के हवाले से कहा गया है कि बसवार सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में 60,000 टन ठोस कचरा जमा हो गया है. इसमें अकेले कुंभ के दौरान 18,000 टन कचरा जमा हुआ था .

एनजीटी की रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि इस कचरे से हैजा, अतिसार, टायफाइड और वायरल हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां फ़ैल सकती हैं. एनजीटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कुम्भ मेले के दौरान कुप्रबंधन की वजह से भूमिगत जल तक प्रदूषित हो गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि राजापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में क्षमता से अधिक कचरा जमा हुआ. इसमें से भी केवल 50 फीसदी कचरे से ठोस कचरे को निस्तारित किया जा सका. बाकी कचरा ज्यों का त्यों गंगा नदी में बहने दिया गया. रिपोर्ट में पाया गया कि बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया था, जो नदी के बहुत करीब थे.

प्राधिकरण ने पहले ही कुंभ मेले के दौरान उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रयागराज में पर्यावरण की निगरानी करने के निर्देश दिया था.


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