कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच होनी चाहिए: ब्रिटेन
ब्रिटेन ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के किसी भी आरोप की ‘‘गहन, त्वरित और पारदर्शी’’ जांच होनी चाहिए.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने संसद के पहले सत्र में हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों से कहा कि उन्होंने सात अगस्त को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की थी. बातचीत के दौरान उन्होंने चिंता व्यक्त की थी और ब्रिटेन कश्मीर में स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखेगा.
वह मौखिक सवाल का जवाब दे रहे थे. इस दौरान कश्मीर मुद्दे से जुड़े कई सवाल पूछे गए.
राब ने कहा कि हिरासत, संभावित दुर्व्यवहार और संचार ठप होने का मुद्दा उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री के साथ उठाया. भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे केवल अस्थायी हैं और इसकी सख्त जरूरत है.
उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप चिंता पैदा करने वाले हैं और उनकी पूरी तरह से और त्वरित रूप से जांच की जानी चाहिए.
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है.
मंत्री ने ब्रिटिश रुख को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर विषय भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है. उन्होंने हालांकि जोर दिया कि मानवाधिकार की चिंताओं ने इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है.