अमेरिका की साजिश का शिकार वेनेजुएला
वेनेजुएला के बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच अलग-अलग देश, चुने गए राष्ट्रपति मादुरो और स्वघोषित अंतरिम राष्ट्रपति गोइदो को अपना समर्थन दे रहे हैं.
जहां एक ओर रूस, चीन, तुर्की, क्यूबा, सीरिया और कई दूसरे देश राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अपना समर्थन दे चुके हैं. वहीं दूसरी ओर अमेरिका, कनाडा के अलावा ब्राजील, कोलंबिया, इज़रायल सहित दक्षिण अमेरिका और यूरोप के कई देश नेशनल एसेंबली के प्रमुख जुआन गोइदो के समर्थन में खड़े हो गए हैं.
गोइदो का समर्थन करने वाले देशों ने हाल में चुने गए राष्ट्रपति मादुरो के चुनाव को गैर कानूनी बताते हुए एक फिर देश में चुनाव कराने की मांग की है.
नेशनल एसेंबली के प्रमुख जुआन गोइदो विपक्ष के नेता हैं.
इस बीच एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति मादुरो ने गोइदो पर संविधान और कानून उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए हैं.
उन्होंने कहा, “मैं अटॉर्नी जनरल नहीं हूं. आगे क्या होना चाहिए इसका फैसला कोर्ट करेगा. ये मामला हमारी न्याय व्यवस्था से जुड़ा है”.
मादुरो ने कहा कि गोइदो को अमेरिका से मिलने वाला असीमित समर्थन इस बात की ओर इशारा है कि इसमें अमेरिका के अपने निहित स्वार्थ हैं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “वेनेजुएला यूएस की साजिश का शिकार हुआ है”.
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दूसरी तरफ गोइदो चुने गए राष्ट्रपति मादुरो को सत्ता से बेदखल करने के लिए एक ओर कदम आगे बढ़ गए हैं. एक दिन पहले एक प्रमुख अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में गोइदो ने कहा, विपक्षी नेता मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए सेना से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “ये एक संवेदनशील मुद्दा है, हम मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए सेना से बात करते हुए काफी सावधानी बरत रहे हैं”.
पहले अमेरिका और अब फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों का गुएदो को मिला समर्थन मादुरो की सत्ता में बने रहने की राह मुश्किल कर रहा है. हालांकि मादुरो ने साफ कर दिया है कि वो संविधान और कानून में विश्वास रखते हैं और इसी दायरे में रहते हुए अपना काम करेंगे.
इससे पहले अंतरिम राष्ट्रपति का समर्थन करने वाले यूरोपीय देशों ने वेनेजुएला में आठ दिन के भीतर चुनाव कराने की मांग की है. जिसे मादुरो ने ये कहते हुए ठुकरा दिया कि वेनेजुएला यूरोप से ‘बंधा’ नहीं है. उन्होंने इसे गलत बताते हुए, यूरोप की बदतमीजी करार दिया है.
यूरोपीय देशों ने मादुरो को धमकी दी है कि अगर मादुरो आठ दिन के भीतर चुनाव आयोजित नहीं कराते हैं, तो वह विपक्षी नेता जुआन गोइदो को राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दे देंगे.
तख्तापलट जैसी स्थितियों का सामना कर रहे देश में अब आगे क्या होगा ये कहना किसी के लिए भी बेहद मुश्किल है.
इन सबके बीच राष्ट्रपति मादुरो और गोइदो लगातार देश में सेना से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि वेनेजुएला में अब केवल सेना के फैसले पर निर्भर करेगा कि चुनाव एक फिर होंगे या नहीं.
इस महीने के शुरुआत में मादुरो ने राष्ट्रपति पद की कमान संभाली थी. जिसके बाद जुआन गोइदो ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर देशभर में राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किए. जिसके बाद बीते बुधवार को गोइदो ने मादुरो के खिलाफ हुई एक बड़ी रैली के दौरान को खुद को वेनेजुएला का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था.