अमेरिकी महिला सांसदों ने कहा, ट्रंप चला रहे हैं ‘श्वेत राष्ट्रवाद’ का एजेंडा
ट्विटर
अमेरिकी संसद की चार महिला सदस्यों ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को उनकी टिप्पणी का करारा जवाब दिया है. इन प्रगतिशील कही जाने वाली महिला सदस्यों ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में ट्रंप की टिप्पणी को स्पष्ट रूप से नस्लवादी हमला बताया. उन्होंने कहा कि इसके पीछे ट्रंप का मकसद अपने भ्रष्टाचारी प्रशासन और अमानवीय नीतियों से लोगों का ध्यान भटकाना है.
इससे पहले ट्रंप ने प्रोग्रेसिव डेमोक्रेट महिला सांसदों को ‘अपराध ग्रस्त’ जगहों पर वापस लौटकर समस्याओं का समाधान करने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि वे महिला सदस्य जिन देशों से आई हैं, वहां की हालत बहुत बुरी है, अमेरिका को सलाह देने से पहले वे वहां जाएं और चीजें बेहतर करके दिखाएं.
हालांकि ट्रंप ने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिखा था. लेकिन उनका इशारा डेमोक्रेट सांसद ओकैसियो कोर्टेज, इल्हान ओमार, राशिदा तलैब और अयान्ना प्रेसली की ओर था.
अब ये चारों सांसद खुलकर सामने आईं हैं और ट्रंप की टिप्पणियों का जवाब दे रही हैं. प्रेस कान्फ्रेंस में इन सदस्यों ने ट्रंप की नीतियों की जमकर आलोचना की. इस दौरान उन्होंने ट्रंप शासन को नियम रहित बताया और प्रवासियों को लेकर उनकी नीति की जमकर आलोचना की.
इस दौरान ओमार ने कहा, “यह श्वेत राष्ट्रवाद का एजेंडा है, चाहे ये टीवी पर चल रहा हो या बंद कमरों में हो रहा हो. अब तो ये व्हाइट हाउस के बगीचे में पहुंच चुका है.”
इस दौरान ओकैसियो भी ट्रंप शासन पर खुलकर बोलीं. उन्होंने कहा, “मुझे राष्ट्रपति के व्यवहार से कोई आश्चर्य नहीं हुआ.” उन्होंने ट्रंप के इस बयान को ध्यान भटकाने वाला प्रयास बताया.
ओकैसियो ने कहा, “राष्ट्रपति पूरी तरह से गलत भावना से काम कर रहे हैं. उनको ये तक नहीं पता है कि अपनी नीतियों का बचाव कैसे करते हैं. इसलिए वो व्यक्तिगत तौर पर हमले कर रहे हैं. ये सिर्फ इतना भर है.”
उन्होंने कहा कि वे और उनकी सहकर्मी कहीं नहीं जा रहे हैं. वे बोली, “हम उसे नहीं छोड़ सकते जिसे हम प्यार करते हैं, हम देश के सभी लोगों को प्यार करते हैं.”
ओमार ने अपने भाषण में कहा कि ट्रंप राष्ट्रपति के तौर पर ली गई अपनी शपथ का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने ट्रंप पर चुनाव में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. साथ ही प्रवासियों को लेकर उनकी नीति की भी जमकर आलोचना की.
उन्होंने कहा कि सीमाओं पर प्रवासियों को जिन हालात में रखा गया है, वो अमानवीय है. उन्होंने राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की बात भी कही.
वहीं प्रेसली ने अमेरिकी लोगों से ट्रंप के झांसे में ना फंसने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “ये सुरक्षा, चिंता और अमेरिकी लोगों का मुद्दे से ध्यान भटकाने का विघटनकारी प्रयास है.”
दूसरी ओर तलैब ने अपने सहयोगियों से फिर से महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की बात कही. उन्होंने कहा, “दुखद, ये पहली बार नहीं है, ना ये आखिरी बार है जब हम राष्ट्रपति से ये घटिया चीजें सुन रहे हैं. हमें पता है कि वो कौन हैं.”
ट्रंप ने अपने ट्वीट में इन महिला सांसदों को आतंकवादियों की प्रिय बताया था. उन्होंने इन सदस्यों को अमेरिका और इजराएल से घृणा करने वाला कहा था और खुश ना होने पर देश छोड़ देने की सलाह दी थी.