भारी विरोध के चलते हांगकांग ने निलंबित किया प्रत्यर्पण विधेयक
पिछले करीब एक सप्ताह से चल रहे भारी विरोध प्रदर्शन के बीच हांगकांग की सरकार ने चीन को कुछ संदिग्धों का प्रत्यर्पण करने की अनुमति देने वाले विवादास्पद विधेयक को अनिश्चतकाल के लिए निलंबित कर दिया है. इस फैसले की घोषणा प्रमुख कार्यकारी कैरी लाम ने की. उन्होंने कहा कि विधेयक ने समाज में गहरा विभाजन पैदा कर दिया है और उन्हें सरकार के लिए रुककर सोचने की बातें सुनाई पड़ीं.
लाम ने कहा, “मुझे यह बात स्वीकारनी पड़ेगी कि इस बिल के संबंध में लोगों को संदेश और स्पष्टीकरण देने में हमसे गलती हुई है. हमें हांगकांग के हितों को ध्यान में रखना होगा.”
इससे पहले लाम ने कहा था कि अपराधियों द्वारा हांगकांग को छिपने की जगह के तौर पर प्रयोग होने से रोकने के लिए प्रत्यर्पण कानून जरूरी है. उन्होंने कहा था कि इन मामलों में मानवाधिकारों की रक्षा शहर की अदालत करेगी, जो केस दर केस आधार पर मामलों में प्रत्यर्पण करेगी.
असल में हांगकांग के इस प्रत्यर्पण विधेयक को बहुत से लोगों ने शहर की कानून व्यवस्था के लिए खतरे के तौर पर देखा. शहर के सत्तर लाख नागरिकों के साथ चीनी और दूसरे विदेशी नागरिक इस विधेयक की जद में आएंगे.
पिछले 9 जून को इस विधेयक को लेकर हांगकांग में अभूतपूर्व प्रदर्शन हुए. लोगों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई. ऐसा इससे पहले 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपे जाने के दौरान ही हुआ था.