सत्ता परिवर्तन न हुआ तो तानाशाही में इजाफा होगा: अमोल पालेकर
गुजरे दौर के मशहूर अभिनेता अमोल पालेकर ने देश में तानाशाही को लेकर चिंता जताई है. अंग्रेजी वेबसाइट टेलीग्राफ ने पालेकर के हवाले से लिखा है कि अगर फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आती है तो ये ‘तानाशाही की ओर बढ़ना’ होगा.
उन्होंने कहा, “वर्तमान को धुंधला करने का प्रयास हो रहा है, तमाम तरीकों से बरगलाया जा
रहा है, हर ओर से झूठ फैलाया जा रहा है, विरोध की आवाज के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया गया
है.”
उन्होंने कहा कि ये सब एक तानाशाही सरकार की ओर बढ़ने की निशानी है.
जब पालेकर से पूछा गया कि अगर बीजेपी फिर से शासन में आती है तो क्या होगा? इस पर
पालेकर ने कहा, “मई 2019 के बाद ये सब जो चल रहा है, बहुत आगे
निकल जाएगा.”
हालांकि पालेकर ने व्यक्तिगत रूप से किसी का नाम नहीं लिया.
बीते शुक्रवार को पालेकर को अपना भाषण बीच में रोकना पड़ा था, जब इसके लिए
उनपर दबाव बनाया गया था. 70 के दशक के इस मशहूर अभिनेता ने अपने भाषण में संस्कृति
मंत्रालय के कामकाज की आलोचना की थी.
पालेकर ने अपने भाषण में अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने के प्रयास की भी
आलोचना की थी. अमोल एक अनावरण कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे, जहां वो मुख्य अतिथि
के तौर पर बुलाए गए थे.
यह
कार्यक्रम मशहूर कलाकार प्रभाकर बर्वे की याद में आयोजित किया गया था. पालेकर भाषण
के दौरान बता रहे थे कि कैसे आर्ट गैलरी ने बीते दिनों अपनी स्वतंत्रता धीरे-धीरे
खोई है. वह आर्ट गैलरी के कामकाज करने के तरीकों पर सवाल उठा रहे थे.
दरअसल, बीते साल अक्टूबर तक नेशनल गैलरी
ऑफ मॉडर्न आर्ट की एक सक्रिय ‘सलाहकार समिति’ थी, जिसमें अलग-अलग स्थानीय कलाकारों का
प्रतिनिधित्व होता था. पालेकर ने बताया कि अब इस समिति का नियंत्रण सीधे तौर पर
संस्कृति मंत्रालय करता है.
पालेकर ने कहा कि उन्हें ये बात अब तक नहीं समझ आई है कि उन्हें बोलने से क्यों रोका गया. उन्होंने कहा, “मैंने कुछ ऐसे सवाल उठाए थे जो सरकारी नीतियों के विरोध में थे. इसमें गलत क्या था ये मेरी समझ नहीं आया? इस तरह बोलने से रोक दिए जाने की उम्मीद नहीं थी.”
पालेकर से जब पूछा गया कि फिल्म जगत, जिसके साथ वो चार दशकों से जुड़े रहे.
इस मामले में खामोश सा दिखा? इस पर पालेकर ने कहा कि ये दुखी करने वाला
है, लेकिन मुझे इसकी उम्मीद पहले से थी.