ईवीएम-वीवीपैट मिलान के लिए दायर पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया


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एक बेहद अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम मशीनों का 50 फीसदी वीवीपैट से मिलान करने के लिए दायर 21 विपक्षी दलों की पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इससे पहले भी शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में कोई फैसला देने से मना कर दिया था. आज कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी.

कोर्ट ने इस मामले में ‘हस्तक्षेप नहीं करने’ की की बात कहते हुए पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज  कर दिया. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगाई ने कहा कि वे एक ही मामले को बार-बार सुनना नहीं चाहते.

वहीं इस मामले में विपक्षी दलों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आज कोर्ट से कहा कि अगर इस मामले में 50 फीसदी ईवीएम मशीनों का वीवीपैट से मिलान नहीं किया जा सकता तो कोर्ट 25 फीसदी ईवीएम मशीनों के वीवीपैट का मिलान का आदेश दे. हालांकि कोर्ट ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया.

वहीं, इस मामले में आज सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने 100 फीसदी ईवीएम मशीनों का वीवीपैट से मिलान करने की मांग रखने के लिए एक प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई है. यह प्रेस कान्फ्रेंस ‘counteveryvote’ अभियान के हिस्से के तौर पर बुलाई गई है. निखिल डे ने अपने ट्विटर एकाउंट पर यह जानकारी दी है कि देश के विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और समूह वीवीपैट को बैलट पेपर जैसी मान्यता दिलाने की मांग करेंगे.


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