पहली बार सुप्रीम कोर्ट के सभी मंजूर पदों पर हुई न्यायाधीशों की नियुक्ति


there is no need sending article 370 issue to larger bench says sc

 

सुप्रीम कोर्ट में चार नये न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद शीर्ष अदालत में कुल न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर अधिकतम 31 हो गई है.

फिलहाल, शीर्ष अदालत में 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के कुल मंजूर पद प्रधान न्यायाधीश सहित 31 हैं. हाल के समय में यह पहली बार है जब सर्वोच्च अदालत में सभी मंजूर पदों पर न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है.

चार नियुक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत हैं.

इससे पहले, सरकार ने वरिष्ठताक्रम और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत के कॉलेजियम को न्यायमूर्ति बोस और बोपन्ना के नाम लौटा दिये थे.

लेकिन इस महीने की शुरुआत में पारित प्रस्ताव में कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बोस और बोपन्ना को शीर्ष अदालत में पदोन्नति की अपनी सिफारिश दोहराई थी.

कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्य कांत को भी शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी.

सूत्रों ने कहा कि शपथ ग्रहण करने के बाद न्यायमूर्ति गवई मई 2025 में प्रधान न्यायाधीश बन सकते हैं. वह के जी बालाकृष्णन के बाद दूसरे दलित प्रधान न्यायाधीश होंगे.

न्यायमूर्ति बालकृष्णन 11 मई 2010 को सेवानिवृत्त हुए थे.

पांच सदस्यीय कॉलेजियम की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई करते हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नियुक्ति आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद विधि मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की.

न्यायमूर्ति बोस इस समय झारखंड उच्च न्यायालय और न्यायमूर्ति बोपन्ना गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं. इसी तरह, न्यायमूर्ति गवई बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जबकि न्यायमूर्ति कांत हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं.


ताज़ा ख़बरें