करीबन 70 फीसदी एजुकेशन लोन जनरल कैटगरी के छात्रों को गया


rising unemployment rate in urban youths

 

सरकारी पैसों से चलने वाली एजुकेशन लोन स्कीम से 70 फीसदी लोन सामान्य श्रेणी (जनरल कैटगरी) के छात्रों को गया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों में ये सामने आया है.

क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एजुकेशन लोन्स (सीजीएफएसईएल) स्कीम के तहत बैंक छात्रों को शिक्षा के लिए लोन देती हैं. इस स्कीम के तहत छात्र साढ़े सात लाख तक के एजुकेशन लोन बिना किसी कॉलेटरल के हासिल कर सकते हैं.

अखबार द हिंदू लिखता है कि आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2016-17 के बीच करीबन चार लाख 10 हजार छात्रों ने योजना का लाभ उठाया है. इसमें 67 फीसदी छात्र सामान्य श्रेणी से हैं. 23 फीसदी छात्र अन्य पिछड़ा वर्ग से, 7 फीसदी छात्र एससी और 3 फीसदी छात्र एसटी श्रेणी से हैं.

ऐसे में सामान्य श्रेणी के छात्रों ने अन्य श्रेणी से आने वाले छात्रों की तुलना में अधिक लोन लिया. सीजीएफएसईएल के तहत 13,797 करोड़ रुपये का लोन दिया गया. सामान्य श्रेणी के छात्रों को इस मूल्य का 70 फीसदी हिस्सा लोन के रूप में मिला.

एनसीजीटीसी की 2017-18 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक स्कीम के तहत 29 बैंक रजिस्टर्ड हैं.
इसमें अधिकतर बड़े निजी बैंक शामिल नहीं हैं और सब सार्वजनिक बैंक ही हैं.

मदुरै से सांसद वेंकटेसन सु ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में ये आंकड़े हासिल किए. वेंकटेसन ने कहा कि एजुकेशन लोन पर सटीक आंकड़े सामने लाना थोड़ा मुश्किल हैं लेकिन सीजीएफएसईएल स्कीम के आंकड़े हालिया स्थित पर काफी कुछ बयान करते हैं.

उन्होंने कहा कि ‘स्कीम के तहत बिना कॉलेटरल के छोटे लोन ही दिए गए. उन्होंने कहा कि ये लोन सामाजिक- आर्थिक रूप से पिछड़े लोग लेते हैं. आंकड़ों में ये अंतर साफ दिखाता है कि सामाजिक न्याय की दृष्टि में परेशानी है.’

करीबन 83 फीसदी लोन चार लाख से कम रुपये के थे.


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