अनुच्छेद 370: विरोध प्रदर्शनों पर नियंत्रण के मकसद से 300 कश्मीरी नेता हिरासत में


765 detained relating to stone pelting after scrapping article 370

 

केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार ने कम से कम 300 राजनेताओं और अलगाववादियों को हिरासत में लिया है.

मामले की गंभीरता के चलते दो नेताओं ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि मंगलवार के बाद से विरोध की छिटपुट घटनाएं हुई हैं.

पुलिस अधिकारियों, स्थानीय नेताओं और मीडिया के हवाले से यूरो न्यूज ने इस बारे में जानकारी दी. सरकार ने रविवार से राज्य में मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा रखी है. इसके अलावा लोगों को एकजुट होने से रोकने के लिए राजधानी श्रीनगर में धारा 144 लगाई गई है. साथ ही श्रीनगर में स्कूल बंद हैं, रोड पर कई बैरिकेड्स लगाए गए हैं और पड़ोसी इलाकों तक पहुंच निषेध है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाला सत्तारूढ़ दल दशकों से जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का विरोध करता रहा है. 1989 से क्षेत्र में लोगों ने सशस्त्र विद्रोह छेड़ रखा है, ऐसे में पार्टी का मानना है कि कड़ी निगरानी और सुरक्षा से स्थिति पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी.

हालांकि मंगलवार रात से श्रीनगर में पथराव की करीबन 30 घटनाएं हुई हैं. विरोध प्रदर्शनों में पैलट गन से घायल हुए 13 लोगों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. श्रीनगर ओल्ड क्वार्टर के पास पुलिस ने कुछ-कुछ मीटर पर कड़ी नाकाबंदी की.

पुलिस ने दंगों के हालात में बचाव करने वाले सभी उपकरण पहन रखे थे. तारों से चेक प्वाइंट थे. श्रीनगर में विरोध प्रदर्शनों का केंद्र रहे, जामा मस्जिद के पास कल तीन स्थानों पर पथराव की घटनाएं हुईं. एक चश्मदीद ने जानकारी दी कि श्रीनगर के उत्तर-पश्चिम में बेमिना इलाके में पत्थराव की घटना के बाद रोड पत्थर और पोल आदि से अवरूद्ध हो गया.

वहीं कश्मीर को अपना हिस्सा मानने वाले पाकिस्तान ने भारत के कदम को ‘एकतरफा और अवैध’ बताते हुए कश्मीरियों के अधिकारों के लिए लड़ने का संकल्प किया है. पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने और व्यापार रोकने का फैसला करने के कुछ ही मिनटों बाद भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया. साथ ही, पाक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सहित संयुक्त राष्ट्र में भी इस मुद्दे को ले जाने का संकल्प लिया है.

कुछ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के दो स्थानीय नेताओं को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री और विधायकों समेत कम से कम 100 राजनेताओं को हिरासत में लिया गया है.

अलगाववादियों के अहिंसक संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक को भी मंगलवार को कुछ घंटों के लिए गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद से उन्हें हाउस अरेस्ट में रखा गया है.


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