विश्वविद्यालय और पुलिस की मिलीभगत के बिना जेएनयू में हमला संभव नहीं: JNUTA
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने कहा कि जेएनयू में हमला विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत और पुलिस की निष्क्रियता के बिना संभव नहीं हो सकता था.
संघ ने कुलपति एम जगदीश कुमार के उस बयान पर भी हमला बोला, जिसमें उन्होंने छात्रों से ‘जो हुआ उसे भूलकर विश्वविद्यालय लौट आने’ की बात कही थी.
जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा, ”छात्र कैसे छात्रावासों और कक्षाओं में लौट सकते हैं, जबकि वे सुरक्षित महसूस नहीं करते? शिक्षक कैसे पढ़ाने आ सकते हैं, जब वे सुरक्षित महसूस नहीं करते?”
संघ ने कहा कि छात्रों और संकाय से भूलने के लिए कहना और प्रशासनिक आतंक को सामान्य स्थिति मानने का निर्देश ”जले पर नमक” है.
जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. बाद में प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी. इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 35 लोग घायल हो गए थे.
शिक्षक संघ ने कहा, ”भीड़ द्वारा हमला प्रशासन के सक्रिय सहयोग और दिल्ली पुलिस के निष्क्रियता के बिना संभव नहीं होता.”
जेएनयू कुलपति एम जगदीश कुमार ने सात जनवरी को छात्रों से कहा था कि वे बीती बातों को पीछे छोड़कर विश्वविद्यालय परिसर लौट आएं.
कुमार ने एक बयान में कहा, ”सभी घायल छात्रों के प्रति मेरी संवेदना है. घटना (हिंसा) दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं छात्रों से कहना चाहूंगा कि जेएनयू परिसर एक सुरक्षित स्थान है.”
उन्होंने कहा, ”मैं सभी छात्रों से आग्रह करता हूं कि वे परिसर लौट आयें. आइए हम बीती सभी बातों को पीछे छोड़ दें.”
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