हरियाणा: प्रशासन ने ‘निरीश्वरवादी’ का प्रमाणपत्र देने के बाद वापस लिया


Authorities revoke

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फतेहाबाद जिला के टोहाना शहर के 32 वर्षीय निवासी रवि कुमार ‘एथिस्ट’ ने साल भर कानूनी लड़ाई लड़कर हरियाणा से ‘नो गॉड, नो कास्ट, नो रिलिजन’ प्रमाणपत्र हासिल किया था. एथिस्ट यानी कि ‘निरीश्वरवादी’ का प्रमाणपत्र मिलने के एक हफ्ते के भीतर ही अधिकारियों ने ये कहते हुए कि उनका ये फैसला अधिकार क्षेत्र से बाहर का है, दस्तावेज वापिस ले लिया.

अधिकारियों के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रवि ने कहा, ‘एथिस्ट होना अब मेरी पहचान है. और मैं इस पहचान को बचाने के लिए आखिर तक लड़ूंगा.’

उल्लेखनीय है कि रवि को बचपन में ही इस बात का एहसास हो गया था कि उन्हें ईश्वर के होने पर विश्वास नहीं है.

नास्तिकता को अपनी पहचान बनाने के बाद सबसे पहले रवि ने अपनी बांह पर ‘एथिस्ट’ लिखा टैटू बनवाया. इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वो एथिस्ट होने की आधिकारिक मान्यता प्राप्त करेंगे.

2018 में रवि ने फतेहाबाद में एक सिविल सूट दाखिल किया था. इसमें उन्होंने गुजारिश की थी कि हरियाणा शिक्षा विभाग शैक्षणिक दस्तावेजों में उनका नाम बदल कर रवि कुमार एथिस्ट कर दें. कोर्ट ने फैसला उनके हक में सुनाया था.

कानूनी लड़ाई जीतने के बाद आखिरकार रवि ने फतेहाबाद के जिला अधिकारियों से संपर्क कर 29 अप्रैल को ‘नो कास्ट, नो रिलिजन, नो गॉड’ प्रमाणपत्र हासिल किया.

फतेहाबाद के डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा ने अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि उनके अधीन अफसरों ने इस मामले में कोर्ट के निर्देशों का गलत उल्लेख किया था.

खड़गटा ने कहा, ‘कोर्ट ने आदेश दिया था कि रवि को उनके दस्तावेजों में आखिरी नाम के रुप में एथिस्ट लिखने की अनुमति दी जाए. लेकिन, जिला अधिकारियों ने उन्हें प्रमाणपत्र जारी कर दिया था. जो कि उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का काम था. इसलिए हम उसे वापस ले रहे हैं.’

रवि ने कहा कि उन्होंने फतेहाबाद के डिप्टी कमिश्नर से संपर्क किया था. डिप्टी कमिश्नर ने उनकी पृष्ठभूमि की जांच की. साथ ही उनके कागजात को भी सत्यापित किया. इसके बाद उन्होंने तहसीलदार को प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया.

रवि ने कहा कि मैंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है और पूरी तरह से पुष्टि की है. अगर प्रशासन कोई नोटिस जारी करती है तो मैं उसका जवाब दूंगा.


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