अयोध्या मामला: मध्यस्थता की पहल करेंगे रिजवी
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गैयूरुल हसन रिजवी ने कहा है कि वो अयोध्या मामले का अदालत से बाहर समाधान निकालने के लिए मध्यस्थता का प्रयास करेंगे और इसके तहत सभी पक्षकारों से बातचीत करेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में मुस्लिम पक्ष को ‘बड़ा दिल’ दिखाना चाहिए क्योंकि राम मंदिर हिंदू समाज की आस्था से जुड़ा विषय है.
साथ ही रिजवी ने कहा कि वो मुस्लिम समुदाय को यह भरोसा दिलवाने का प्रयास करेंगे कि अयोध्या मामले के समाधान के बाद काशी, मथुरा या इस तरह का कोई दूसरा विवाद पैदा नहीं हो.
उन्होंने कहा, ‘‘आयोग ने 14 नवंबर की बैठक में मुझे अधिकृत किया कि अगर मैं चाहूं तो अदालत से बाहर अयोध्या मामले का समाधान निकालने के लिए मध्यस्थता का प्रयास कर सकता हूं. मैं यह कोशिश करने जा रहा हूं क्योंकि अदालत से जो निर्णय आएगा वो किसी एक के पक्ष में होगा जिससे विवाद पैदा होगा. अगर इस मामले का हल अदालत से बाहर कर लिया जाता है तो इससे देश की गंगा-जमुनी तहजीब मजबूत होगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोई नहीं चाहेगा कि अयोध्या में राम मंदिर संघर्ष के जरिए बने. हर कोई चाहता है कि एकजुटता और आपसी सौहार्द के साथ मंदिर का निर्माण हो. अगर आपसी सहमति से राम मंदिर बनता है कि तो देश के लिए यह बहुत बड़ा कदम है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अगले कुछ दिनों में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष (आलोक कुमार) से मिलूंगा. इसके बाद मुस्लिम पक्ष के प्रमुख लोगों से मिलूंगा. समझौते के लिए जल्द बातचीत शुरू करने प्रयास करूंगा. सभी पक्षकारों से बात करूंगा.’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आयोग की जिम्मेदारी है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. इसी को देखते हुए मैंने यह कोशिश करना जरूरी समझा.’’
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर जल्द सुनवाई से इनकार किया था.