तेजस्वी सूर्या के खिलाफ ‘मीटू’ मामले की खबरों के प्रकाशन पर रोक


bengaluru court bars 49 media outlets from publishing defamatory news against tejasvi surya

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दक्षिण बेंगलुरु से 28 वर्षीय बीजेपी उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली खबरों पर कोर्ट ने 49 मीडिया समूहों को आदेश जारी किया है. कोर्ट ने मीडिया समूहों को अस्थायी आदेश जारी करते हुए सूर्या की मानहानि करने वाली खबरों के प्रकाशन पर रोक लगा दी है.

सूर्या के खिलाफ एक महिला ने सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए ‘मीटू’ के तहत आरोप लगाए थे. जिसके बाद मीडिया संस्थानों ने इस मामले में रिपोर्टिंग करते हुए खबरें प्रकाशित कीं.

जिसके बाद ये मामला सार्वजनिक तौर पर जोर पकड़ने लगा. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मामले को उठाते हुए सूर्या के खिलाफ लगे आरोपों पर जांच की मांग की है.

चुनाव से पहले अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद सूर्या ने बेंगलुरु सिविल कोर्ट में 49 मीडिया समूहों के खिलाफ केस दाखिल किया है. जिसमें अंग्रेजी अखबार टाइम्स ग्रुप, द हिंदू, डेक्कन हेराल्ड और कन्नड़ अखबार प्रजावानी, कन्नड़ प्रभा, विजय कर्नाटक और उदयवनी शामिल हैं.

सीएनएन न्यूज 18, टाइम्स नाउ, इंडिया टूडे, रिपब्लिक टीवी, न्यूज एक्स जैसे टीवी चैनलों के नाम भी केस में शामिल हैं. इसके अलावा सूर्या के केस में व्हाट्स एप, यू ट्यूब, फेसबुक, याहू इंडिया और गूगल इंडिया के नाम भी बचाव पक्ष में शामिल हैं.

जज दिनेश हेगड़े ने 29 मार्च को दिए अपने अंतरिम आदेश में कहा, “जब तक बचाव पक्ष कोर्ट के सामने अपनी आपत्तियां नहीं रख देता तब तक के लिए सभी को अंतरिम रूप से याचिकाकर्ता के खिलाफ खबरे प्रकाशित करने से रोका जाता है.”

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ” आम चुनाव में उम्मीदवारी की घोषणा के तुंरत बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रश्न खड़े करता है…..” साथ ही कोर्ट ने कहा ,”प्रकाशकों को स्वतंत्रता की आजादी है, लेकिन नागरिक के मानवीय गौरव का हनन नहीं किया जा सकता है.”

11 अप्रैल से लोकसभा चुनाव के लिए शुरू हो रही वोटिंग के बीच सूर्या के लिए कोर्ट का आदेश राहत की खबर है.

सिविल जज के आदेश के आधार पर सूर्या के वकील ने बचाव पक्ष के सभी मीडिया संस्थानों को नोटिस भेजा है. नोटिस में संस्थानों से सूर्या के खिलाफ किसी भी तरह की झूठी खबरों और मानहानि कारक खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए कहा है.

मामले में अगली सुनवाई 27 मई को होगी.


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